फैसल ने 17 लाख के पैकेज की नौकरी छोड़ की UPSC की तैयारी, तीसरे प्रयास में मारी बाजी
गुरुग्राम के बेटे फैसल खान ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 546वीं रैंक हासिल की है। तीसरे प्रयास में फैसल ने यह सफलता हासिल की है। पिछली बार वह इंटरव्यू तक पहुंचे थे, लेकिन सफल नहीं हो पाए...
गुरुग्राम के बेटे फैसल खान ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 546वीं रैंक हासिल की है। तीसरे प्रयास में फैसल ने यह सफलता हासिल की है। पिछली बार वह इंटरव्यू तक पहुंचे थे, लेकिन सफल नहीं हो पाए थे।
सेक्टर-15 पार्ट एक निवासी एम रफीक के बेटे फैसल खान ने सफलता हासिल की है। फैसल ने आईआईटी रूड़की से बीटेक की। कंप्यूटर साइंस की की पढ़ाई पूरी कर 2015 से यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारियों में जुट गए। 2018 में मेंस क्लीयर करने के बाद मामूली अंकों से चूक गए। इसके बाद तीसरे प्रयास में सफलता मिली है। सफलता के संबंध में फैसल ने कहा कि स्कूली दिनों ये ही यूपीएससी का ख्वाब पाला था, जिसके बाद आईआईटी से पढ़ाई के दौरान 17 लाख का कैंपस प्लेसमेंट मिला। लेकिन प्लेसमेंट को ठुकरा कर वो इसकी तैयारियों में जुट गए। इंजीनियरिंग क्षेत्र से होने के बावजूद भूगोल से तैयारी की। तीन साल की कड़ी मशक्कत के बाद सफलता मिली। उन्होंने कहा कि तैयारियों पर असर न पड़े इसके लिए घर के बेसमेंट में रहकर पढ़ाई की।
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मूलरूप से मेवात के रहने वाले हैं : फैसल के पिता मूलरूप से मेवात क्षेत्र के रहने वाले हैं। वो पुन्हना के पास डोंडल के रहने वाले हैं। खास बात है कि फैसल के पिता एम रफीक नूंह कॉलेज में प्रिंसिपल हैं। इससे पहले सेक्टर-14 स्थित राजकीय कॉलेज में फिजिक्स के प्रोफेसर रहे हैं। एम रफीक का कहना कि मेवात में शिक्षा को बढ़ावा देने के लक्ष्य को लेकर कार्य कर रहे हैं।
परिवार का सहयोग : फैसल ने कहा कि परिवार का सफलता में विशेष सहयोग रहा। 17 लाख पैकेज की नौकरी को छोड़ना आसान नहीं था। लेकिन पिता और मां कुलसुम ने नौकरी ज्वॉइन करने के बजाय तैयारी करने के लिए प्रेरित किया। डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही बहन फिजा ने तनाव कम करने में मदद की।
सोशल मीडिया से रहें दूर
फैसल ने कहा कि वह सोशल मीडिया से दूर रहे। अभी तक उनके पास व्हाट्सऐप नहीं है। इसके अलावा टीवी और इंटरनेट की खबरों से दूर रहे। सिर्फ अखबारों पर भरोसा किया और अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया।
बुक और सोर्स रखें कम
सफलता का मंत्र देते हुए फैसल ने कहा कि किताबें निश्चित करें। उन्हें ही बार-बार पढ़ें। इसके अलावा पढ़ाई के सोर्स भी कम रखें। इससे किसी प्रकार का भ्रम नहीं होता। कोचिंग में समय खराब करने के बजाय घर पर पढ़ाई ज्यादा से ज्यादा करें।
भड़काते हैं नेता
धर्म के ऊपर टिप्पणी करते हुए फैसल ने कहा कि नेता चुनावों में वोट के लिए भड़काते हैं, ताकि उन्हें वोट मिल सकें और वो वास्तविक मुद्दों से बच सकें। उन्होंने कहा कि कभी भी उन्होंने भेदभाव का सामना नहीं किया। उनके अधिकांश दोस्त हिंदू हैं।