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कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका

दिल्ली हाईकोर्ट में कोचिंग संस्थानों के मसले पर एक पीआईएल में कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइंस को फिर से तैयार करने की मांग की गई है। जनहित याचिका में अदालत से क्या अन्य मांगें इस रिपोर्ट में जानें..

कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइन बनाने की मांग, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका
Krishna Singhएएनआई,नई दिल्लीSat, 10 Aug 2024 08:43 PM
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दिल्ली हाईकोर्ट में कोचिंग संस्थानों के मसले पर एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। इस याचिका में कोचिंग संस्थानों के लिए गाइडलाइंस को फिर से तैयार करने की मांग की गई है। याचिका में कोचिंग संस्थानों में धोखाधड़ी, शोषण और सुरक्षा संबंधी चिंताओं जैसे मुद्दों के समाधान के लिए सख्त नियमन और जवाबदेही उपायों के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि कोचिंग संस्थाओं के कथित आपराधिक दायित्व पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।

याचिका में अदालत से मांग की गई है कि वह केंद्र और दिल्ली सरकार को निर्देश दे कि वे छात्रों के लिए पेइंग गेस्ट आवासों के संचालन के लिए नियम बनाए। साथ ही सुनिश्चित करे कि ये आवास सुरक्षित और छात्रों के लिए उपयुक्त हों। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि प्रतिवादी दिल्ली में छात्रों को पर्याप्त, सुरक्षित और किफायती आवास सुविधाएं सुनिश्चित कराने में विफल रहे हैं। इस उपेक्षा ने छात्रों के सम्मानजनक जीवन जीने की क्षमता को बुरी तरह प्रभावित किया है। 

याचिका के अनुसार, वर्तमान शिक्षा प्रणाली छात्रों के दिमाग के समग्र विकास पर प्रवेश परीक्षा की सफलता को प्राथमिकता देती है, जिसके परिणामस्वरूप स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आई है। कोचिंग संस्थानों पर निर्भरता बढ़ गई है। अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से दायर याचिका में इन चिंताओं को उजागर किया गया है। व्यापक कोचिंग संस्कृति ने छात्रों को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में भारी निवेश करने के लिए प्रेरित किया है।

याचिका में कहा गया है कि मौजूदा शिक्षा प्रणाली छात्रों के समग्र विकास की तुलना में प्रवेश परीक्षा की सफलता को प्राथमिकता देती है। इससे स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आई है। आलम यह है कि छात्र कोचिंग संस्थानों पर निर्भर हो चुके हैं। यह निर्भरता बढ़ गई है। वहीं कोचिंग संस्थानों और पीजी मालिकों के शोषण ने चिंताओं को और बढ़ा दिया है। याचिका में कोचिंग संस्थानों और पीजी के लिए बेहतर गाइडलाइंस की जरूरत बताई गई है। साथ ही शिक्षा प्रणाली में सुधार की भी मांग की गई है।