दिल्ली में मरकज मामले के बाद कोरोना हेल्पलाइन पर दोगुनी आ रहीं कॉल
निजामुद्दीन मरकज की वजह बढ़े कोरोना वायरस के मामलों ने दिल्लीवालों की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या जिस तेजी से बढ़ी है, उसी तेजी से कोरोना संबंधित हेल्पलाइन नंबरों पर फोन करने...
निजामुद्दीन मरकज की वजह बढ़े कोरोना वायरस के मामलों ने दिल्लीवालों की चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या जिस तेजी से बढ़ी है, उसी तेजी से कोरोना संबंधित हेल्पलाइन नंबरों पर फोन करने वालों की संख्या भी बढ़ने लगी है। पहले जहां रोजाना औसतन 500 के करीब फोन कॉल आते थे, वहीं अब एक हजार कॉल आ रही हैं। इसमें निजामुद्दीन इलाके से आने वाले फोन कॉल की संख्या सबसे अधिक है।
हजार कॉल तक पहुंची संख्या
दिल्ली में मरकज का मामला 27 मार्च को सामने आया था। उसके बाद वहां से कई बार में 2346 लोगों को बाहर निकाला गया। 27 मार्च से पहले दिल्ली सरकार की ओर से जारी कोरोना हेल्पलाइन नंबर पर औसतन 450 से 500 कॉल ही आती थी, लेकिन 27 मार्च से हेल्पलाइन पर कॉल करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ। अब यह संख्या 1000 से अधिक हो गई है।
कब कितने फोन आए
तारीख | फोन कॉल |
27 मार्च | 705 |
28 मार्च | 883 |
29 मार्च | 937 |
30 मार्च | 998 |
31 मार्च | 1038 |
5 अप्रैल | 980 |
62% मामले मरकज से जुड़े
दिल्ली में अभी तक सामने आए कोरोना के मामलों में 62 फीसदी मामले मरकज से जुड़े हैं। पांच अप्रैल तक दिल्ली में 503 कोरोना के मरीज मिले हैं, जिसमें से 320 मामले मरकज के हैं। दिल्ली के सरकारी क्वारंटाइन केंद्र में 3312 लोग हैं, जिसमें से 1810 अकेले मरकज से जुड़े लोग हैं। यही वजह है कि दिल्लीवालों की चिंता बढ़ गई है। आने वाले दिनों में यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है।
पूरी टीम को क्वारंटाइन किया
मरकज के चलते दिल्ली सरकार की चिंता भी बढ़ा गई है। सरकार नहीं चाहती कि मरकज की वजह से लोगों में कोरोना फैले, इसलिए मरकज को खाली कराने में लगी पूरी 650 लोगों की टीम को क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया है। इसमें डॉक्टर, पुलिस कर्मी, सफाई कर्मी और वो स्थानीय लोग शामिल हैं, जिन्होंने मरकज को खाली कराने में सरकार और प्रशासन की मदद की थी। मरकज के आसपास की कॉलोनियों को भी सील कर दिया गया है। वहां से न तो कोई बाहर आ सकता है और न ही कोई अंदर जा सकता है।