गाजियाबाद जिले में किसी भी दवाई की दुकान से खांसी, जुकाम और बुखार की दवा लेने से पहले अपना नाम, पता और फोन नंबर बताना होगा। मेडिकल स्टोर संचाल इस ब्योरे को नोट करेंगे। उसके बाद इस पूरी सूचना को सर्विलांस टीम एकत्र करेगी। इन पते और फोन नंबर के आधार पर टीम दवा खरीदने वालों से पूछताछ करेगी। जरूरत पड़ने पर उनकी कोरोना जांच होगी।
कोरोना संक्रमण को रोकेने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार काम कर रही है। ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच के लिए कई प्रकार की योजना भी बनाई जा रही है। इसका उद्देश्य लोगों में कोरोना की पहचान करके उन्हें तुरंत इलाज उपलब्ध कराना है। इसी कड़ी में प्रशासन ने जिले के मेडिकल स्टोर को भी हिस्सा बनाया है। अधिकतर लोग सर्दी, खांसी, बुखार होने पर मेडिकल स्टोर से अपने आप दवा ले लेते हैं। बाद में दिक्कत होने पर उनकी कोरोना जांच कराई जाती है। इस स्थिति में कई बार हालत गंभीर हो जाती है। अब मेडिकल स्टोर पर कोई भी व्यक्ति यदि सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार की दवा लेने आएगा तो उसे अपना नाम, पता और फोन नंबर लिखवाना होगा।
वॉट्सऐप ग्रुप बनेगा : इस योजना के तहत जिले के सभी मेडिकल संचालकों का एक वॉट्सऐप ग्रुप बनेगा। सभी मेडिकल स्टोर संचालक इस ग्रुप में अपनी रोजाना की सूची शेयर करेंगे। सर्विलांस टीम रोजाना की रिपोर्ट के आधार पर लोगों से पूछताछ करेगी।
रिटेल दुकानदार होंगे योजना में शामिल
इस योजना में गली-मोहल्लों और अस्पतालों में बने रिटेल दुकानदार ही शामिल होंगे। लोग इन्हीं दुकानों से एक से दो गोली खरीदते हैं। थोक के व्यापारी केवल बिल पर मेडिकल स्टोर्स को ही दवा देते हैं। वह दवा का पूरा पैकेट ही बेचते हैं। इसी कारण कोई भी खांसी, जुकाम और बुखार की दवा लेने के लिए थोक विक्रेताओं पर नहीं जाता।
अलग-अलग क्षेत्र के होंगे ग्रुप
वॉट्सऐप ग्रुप अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग होंगे। विजय नगर क्षेत्र, इंदिरापुरम-वैशाली, मुख्य शहर, साहिबाबाद क्षेत्र, लोनी, मोदीनगर और मुरादनगर क्षेत्र अलग होंगे। इसका लाभ यह होगी कि सभी दुकानदारों की लिस्ट अलग-अलग होने से लोगों को खोजने में दिक्कत नहीं होगी। इसके साथ अलग-अलग क्षेत्रों की जिम्मेदारी भी अलग-अलग अधिकारियों को दी जाएगी।
''जनपद में कोरोना के मरीजों की पहचान के लिए माइक्रोलेवल का प्लान तैयार किया गया है। इसके लिए अलग से कंट्रोल रूम बनाया गया है। कोशिश है कि मरीजों में संक्रमण की जल्द पहचान हो सके।''- अजय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी
''प्रशासन की तरफ से आदेश प्राप्त हुए हैं। अब टीम के साथ मिलकर इस काम को करना है। ड्रग्स एसोसिएशन से बात कर ग्रुप बना दिए जाएंगे ताकि मॉनीटरिंग हो सके।'' -राजीव त्यागी, महामंत्री डिस्ट्रिक गाजियाबाद केमिस्ट एसोसिएशन