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COVID-19 के खात्मे के लिए दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों ने बनाया ये नया प्लान

राजधानी के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML Hospital) में भी आम लोग अपनी एंटीजन टेस्ट करा सकेंगे। इसके लिए नया जांच केंद्र भी तैयार किया जा रहा है, जो पहले के मुकाबले काफी बड़ा होगा। आरएमल के अलावा...

COVID-19 के खात्मे के लिए दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों ने बनाया ये नया प्लान
नई दिल्ली। वरिष्ठ संवाददाताThu, 30 Jul 2020 10:43 AM
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राजधानी के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML Hospital) में भी आम लोग अपनी एंटीजन टेस्ट करा सकेंगे। इसके लिए नया जांच केंद्र भी तैयार किया जा रहा है, जो पहले के मुकाबले काफी बड़ा होगा। आरएमल के अलावा दिल्ली के लेडी हॉर्डिंग और सफदरजंग अस्पताल में भी सभी मरीजों और उनके तीमारदारों के एंटीजन टेस्ट होंगे। आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के लिए कम मरीज ही अस्पताल आते हैं। इसको देखते हुए इन अस्पतालों ने यह निर्णय लिया है।

राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कम्युनिटी मेडिसिन के डॉक्टर मनीष प्रभाकर के मुताबिक, दिल्ली में रैपिड एंटीजन टेस्ट की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। इससे आरटीपीसीआर टेस्ट कम होकर लगभग आधी रह गई हैं। उन्होंने बताया कि आम जनता सिर्फ यह जानती है कि वे कोरोना टेस्ट करा रहे हैं। उन्हें यह नहीं पता होता कि कोरोना की कौन सी जांच से सही पता चलता है कि कोरोना है या नहीं और कौन सी जांच सिर्फ स्क्रीनिंग के मकसद से हो रही है। उन्होंने बताया कि लोगों को अब अब उनके घर के पास डिस्पेंसरी और अन्य पॉलिक्लीनिक में ये जांच आसानी से मिल रही हैं। इस वजह से लोग एंटीजन टेस्ट ही करा रहे हैं और आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए अस्पताल नहीं आ रहे हैं। एंटीजन टेस्ट का नतीजा उन्हें आधा घंटे में मिल जाता है तो वह इसलिए खुश हैं और वही जांच कराते हैं। 

आरएमल में तीन गुना तक कम हुए लोग

राम मनोहर लोहिया अस्पताल में कोरोना वायरस की आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए आने वाले लोगों की संख्या में लगभग तीन गुना तक कि कमी हो गई है। एक डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दो सप्ताह पहले तक उनके यहां 800 से 900 लोग हर रोज कोरोना की आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए आते थे, लेकिन धीरे-धीरे यह संख्या बहुत कम हो गई है। अब आरएमल में रोजाना 250 से 300 मरीज ही हर रोज जांच के लिए आ रहे हैं। पहले 24 घंटे जांच की सुविधा कर बाद भी लोगों को जांच के लिए 8 घंटे तक इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब लाइन में अधिक इंतजार नहीं करना पड़ता।

रोज 15 हजार एंटीजन टेस्ट 

राजधानी में  रोजाना औसतन 15 हजार जांच सिर्फ रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से ही हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में अब तक 4.35 लाख लोगों की एंटीजन किट से जांच की जा चुकी हैं। इनमें से 10 फीसदी लोग संक्रमित मिले हैं। आईसीएमआर के अनुसार, अगर किसी मरीज में कोरोना के लक्षण हैं और एंटीजन जांच में रिपोर्ट निगेटिव आती है तो उसे दोबारा आरटी-पीसीआर जांच करानी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक 26 जुलाई तक जितने लोगों की एंटीजन जांच की गई। उसमें करीब 1800 लोग ऐसे थे। जिनमें कोरोना के लक्षण थे और वह एंटीजन जांच में निगेटिव आए थे। ऐसे सभी लोगों की दोबारा आरटी-पीसीआर जांच कराई गई। इनमें से 300 संक्रमित निकले। यानी, एंटीजन जांच के परिणाम फिलहाल 78 फीसदी ठीक आ रहे हैं। 

यह है दोनों जांच में अंतर

1. आरटीपीसीआर जांच में नाक और मुंह दोनों से सैंपल लिया जाता है, जबकि रेपिड एंटीजन टेस्ट में सिर्फ नाक से ही सैंपल लिया जाता है। 

2.आरटीपीसीआर जांच लैब में होती है, इसकी रिपोर्ट मिलने में लोगों को 48 घण्टे भी लग जाते हैं। वहीं,एंटीजन जांच के परिणाम 30 से 40 मिनट में आ जाते हैं। 

3. आरटीपीसीआर जांच में वायरस के आरएनए या डीएनए का पता लगाया जाता है। कोरोना एक आरएनए वायरस है तो इसकी जांच में आरएनए का पता लगाते हैं। 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया आदेश 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि नियमों के हिसाब से अगर एंटीजन जांच के नतीजे निगेटिव आते हैं और व्यक्ति में लक्षण हैं तो उसकी आरटीपीसीआर जांच जरूर होनी चाहिए। आज सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है की वे इस नियमों का सख्ती से पालन कराएं। 

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