संसद के बाहर किसानों के प्रदर्शन से निपटने को दिल्ली पुलिस का खास प्लान, सड़क से आसमान तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम
केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर मॉनसून सत्र के दौरान संसद के बाहर किसानों द्वारा प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस पूरी तैयारी कर ली है।...
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केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर मॉनसून सत्र के दौरान संसद के बाहर किसानों द्वारा प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए दिल्ली पुलिस पूरी तैयारी कर ली है। संसद की सुरक्षा के लिए सड़क से आसमान तक कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रदर्शन टालने के लिए रविवार को किसान संगठनों को मनाने की दिल्ली पुलिस की कोशिश नाकाम रही थी। बैठक के दौरान पुलिस की तरफ से किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराने की भी पेशकश की गई थी, जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया था। गणतंत्र दिवस की घटना के बाद किसानों के संसद घेराव के ऐलान ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
डीसीपी (नई दिल्ली) दीपक यादव सोमवार को कहा कि हमने संसद में सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की है। यहां की सुरक्षा हमारे लिए प्राथमिकता रखती है। ड्रोन हमले के खतरे को ध्यान में रखते हुए संसद के चारों ओर मल्टी लेयर सिक्योरिटी का इंतजाम किया गया है।
डीसीपी ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के दिशानिर्देशों के अनुसार, यहां राजनीतिक और धार्मिक सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध है। हमने धारा 144 के तहत एक अलग आदेश भी जारी किया है। गौरतलब है कि सोमवार से शुरू हुआ संसद का मॉनसून सत्र 13 अगस्त चलेगा।
There is multi-layered security around Parliament. Security plan has been drawn up by keeping in mind UAV drones & other contingencies. Political & religious gatherings are prohibited as per DDMA rules. We've also issued a separate order under Sec 144: New Delhi DCP Deepak Yadav pic.twitter.com/nhTk60DXHI
— ANI (@ANI) July 19, 2021
प्रदर्शनकारियों की संख्या कम रखने का पुलिस का अनुरोध ठुकराया
दिल्ली पुलिस ने रविवार को किसान संगठनों से 22 जुलाई से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संसद के समक्ष प्रस्तावित प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों की संख्या कम करने को कहा था, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। दिल्ली पुलिस के साथ मीटिंग के बाद रविवार को राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा था हमने पुलिस को सूचित किया कि मॉनसून सत्र के दौरान प्रतिदिन 200 किसान सिंघू बॉर्डर से संसद प्रदर्शन करने जाएंगे। यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा और प्रदर्शकारी की पहचान सुनिश्चित करने के लिए बिल्ले लगाएंगे।
कक्का ने कहा कि आधार संख्या और फोन नंबर सहित प्रत्येक प्रदर्शनकारी की सभी जानकारी पुलिस को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक स्थान का प्रस्ताव किया था और किसान संगठनों से प्रदर्शनकारियों की संख्या कम करने को कहा था, जिसे किसान नेताओं ने अस्वीकार कर दिया है। कक्का ने कहा कि पुलिस सोमवार को अपना जवाब देगी, जिसके बाद प्रदर्शन का समय निर्धारित किया जाएगा।
सात मेट्रो स्टेशनों पर रहेगी विशेष निगरानी
दिल्ली पुलिस ने 22 जुलाई को संसद भवन के सामने किसानों के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर रविवार को दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को पत्र लिखकर कहा कि वह सात मेट्रो स्टेशनों पर विशेष निगरानी रखे और जरूरत पड़ने पर उन्हें बंद कर दे। दिल्ली मेट्रो को भेजे गए अपने पत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शनकारी नई दिल्ली पहुंचने के लिए मेट्रो का उपयोग करेंगे क्योंकि राजधानी में यह सबसे सुविधाजनक परिवहन का साधन है। पुलिस ने जिन सात मेट्रो स्टेशन पर विशेष निगरानी रखने को कहा है उनमें- जनपथ, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक, राजीव चौक, केन्द्रीय सचिवालय, मंडी हाउस और उद्योग भवन शामिल हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में बने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान गत नवंबर से ही दिल्ली की सीमा पर तीन स्थानों- सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।