दिल्ली के सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता सुधार से अभिभावक संतुष्ट : एसोचैम
एसोचैम द्वारा कराए गए अभिभावक संतुष्टि सर्वे के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के स्कूलों को शिक्षा प्रणालियों और सुविधाओं में जरूरी सुधारों के संदर्भ में दिल्ली सरकार के स्कूलों के मॉडल...
एसोचैम द्वारा कराए गए अभिभावक संतुष्टि सर्वे के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के स्कूलों को शिक्षा प्रणालियों और सुविधाओं में जरूरी सुधारों के संदर्भ में दिल्ली सरकार के स्कूलों के मॉडल का अनुसरण करना चाहिए।
एसोचैम (एसोसिएटिड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया) और एएसडीएफ (सोशल डेवलपमेंट फाउंडेशन) द्वारा कराए गए सर्वे के अनुसार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की राज्य सरकारों को दिल्ली सरकार से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने बजट का बड़ा हिस्सा शिक्षा के लिए आवंटित करना चाहिए।
एनसीआर में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के क्रमश: तेरह, सात और दो जिले तथा दिल्ली एनसीटी शामिल है।
एसोचैम ने एनसीआर में आने वाले जिलों में करीब 3250 उन अभिभावकों से बातचीत की जिनके बच्चे स्थानीय सरकार के स्कूलों में पढ़ते हैं। मई-जून में गर्मियों की छुट्टियों के दौरान कराए गए सर्वे में उनके जिलों के सरकारी स्कूलों में संतुष्टि के स्तर के बारे में लोगों से पूछा गया।
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सर्वे में कहा गया, ''लगभग सभी अभिभावकों का नजरिया था कि दिल्ली सरकार स्कूल की शिक्षा में सुधार लाने की दिशा में बहुत अच्छा काम कर रही है क्योंकि हर अभिभावक चाहता है कि उनके क्षेत्र के स्कूलों में अच्छी सुविधाएं हों।
सर्वे के निष्कर्ष जारी करते हुए एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, ''दिल्ली में केन्द्र और राज्य सरकार के स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ किया जा रहा है। दिल्ली सरकार आधुनिक सुविधाएं, बेहतर आधारभूत ढांचा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रही है और अन्य सरकारों को हमारे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य में मदद के लिए इसका अनुसरण करना चाहिए।
गरीब बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हमारा प्रयास : केजरीवाल
एसोचैम के सर्वे में सरकारी स्कूलों को लेकर अभिभावकों की संतुष्टि पर खुशी जताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ''मुझे खुशी है कि माता-पिता सरकारी स्कूलों में हो रहे व्यापक सुधार से खुश हैं। हमारा प्रयास है कि गरीब बच्चों को भी अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा मिले। तभी हमारा देश विकसित होगा।''