अब थाने के चक्कर काटने से मिलेगा निजात, आपकी शिकायत पर घर बैठे जांच अधिकारी मिलेगा नंबर, जानिए क्या है दिल्ली पुलिस की नई पहल
अगर आपको कोई परेशानी है। आपके साथ कोई अपराध हुआ है या फिर आपने पुलिस को जांच के लिए कोई शिकायत दी है तो इसकी अपडेट लेने के लिए अब आपको थाने के चककर नहीं काटने होंगे। ये अपडेट अब आप घर बैठे ही बड़े...
अगर आपको कोई परेशानी है। आपके साथ कोई अपराध हुआ है या फिर आपने पुलिस को जांच के लिए कोई शिकायत दी है तो इसकी अपडेट लेने के लिए अब आपको थाने के चककर नहीं काटने होंगे। ये अपडेट अब आप घर बैठे ही बड़े आसानी से पा सकेंगे। आपकी शिकायत पर हुई कार्रवाई का अपडेट पुलिस देगी। जी हां पुलिस में शिकायत करने वाले पीड़ितों की सुविधा के लिए दिल्ली पुलिस यह व्यवस्था शुरू कर रही है। ट्रायल के लिए इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत कर दी गई है। ट्रायल के दौरान आने वाली दिक्कतों को दूर कर धीरे-धीरे इसे पूरी दिल्ली में लागू करने की योजना है।
ऐसे करेगा काम
कोई भी शिकायत मिलते ही उसे थाने का स्टाफ आईसीएमएस में डालेगा और शिकायत में दिए गए मोबाइल फोन पर एसएमएस या ईमेल जरिये जांच अधिकारी (आईओ) का नाम और मोबाइल नंबर भेजा जाएगा। शिकायतकर्ता उस नंबर पर संपर्क कर आईओ से अपने केस के बारे में जांच रिपोर्ट की प्रगति अपडेट लेगा। इस व्वस्था के तहत केस से जुड़ी कोई जानकारी शेयर करना है तो शिकायतकर्ता वह भी कर सकेगा।
क्यों शुरू कर रही पुलिस
दरअसल अक्सर थाने का चक्कर लगाने के बाद भी कई बार आईओ संपर्क नहीं हो पाता था। कभी आईओ किसी कॉल पर गया है तो कभी अदालत में किसी मामले को लेकर गया है। ऐसे में संपर्क करने में लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ता था। उपर से कोरोना काल में लोगों से दूरी बनाने लेकर भी यह जरूरत महसूस की गई है कि ज्यादातर चीजें ऑनलाइन कर दी जाएं और थाने में ज्यादा भीड़ को आने से रोका जाए। इसे देखते हुए इस व्यवस्था की शुरूआत की गई, ताकि फोन पर ही आईओ से संपर्क कर जानकारी हासिल की जा सके।
इससे फीडबैक भी मिलेगा
वहीं मामले की जांच के दौरान जो भी प्रगति हुई है। जो भी कार्रवाई की गई है और इससे संबंधित अन्य जो भी अपडेट हैं, उसके बारे में कभी भी कोई भी अधिकारी देख सकेगा और किसी भी तरह की कोई कमी होगी तो उसे दूर करने के लिए निर्देशित कर सकेगा। वहीं जांच अधिकारी की कार्रवाई को लेकर शिकायतकर्ता आ फीडबैक क्या है, उसका भी आसानी से पता चल सकेगा। इसके आधार पर पुलिस की कार्र प्रणाली में अगर किसी तरह के बदलाव की जरूरत महसूस की जाएगी तो उसके मुताबिक परिवर्तन भी किया जाएगा।