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दिल्ली कोचिंग हादसे का दोषी कौन? जांच में अधिकारियों की घोर लापरवाही के संकेत

दिल्ली के राजेंद्र नगर के एक कोचिंग सेंटर में पानी भर जाने से तीन स्टूडेंट की मौत के मामले की जांच में संकेत मिले हैं कि इस इमारत के मालिक और नगर निगम के अधिकारियों की ओर से लापरवाही बरती गई है।

दिल्ली कोचिंग हादसे का दोषी कौन? जांच में अधिकारियों की घोर लापरवाही के संकेत
Krishna Singhभाषा,नई दिल्लीMon, 29 Jul 2024 01:02 AM
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दिल्ली के राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में पानी भरने से 3 स्टूडेंट (दो छात्रा और एक छात्र) की मौत मामले की शुरुआती जांच में संकेत मिले हैं कि इस बिल्डिंग के मालिक और एमसीडी के अधिकारियों की ओर से लापरवाही बरती गई। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के साथ घटना की जांच के लिए कई टीम गठित की हैं। पुलिस ने राव आईएएस स्टडी सर्किल कोचिंग सेंटर के मालिक, कोऑर्डिनेटर को गिरफ्तार कर लिया है। इन पर गैर इरादतन हत्या समेत अन्य आरोपों के तहत केस दर्ज किया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा- पूरी घटना की जांच के लिए कई टीम गठित की गई हैं। हमने दिल्ली दमकल सेवा से बेसमेंट वाली इस इमारत के बारे में रिपोर्ट देने के लिए कहा है, जिसका उपयोग एक पुस्तकालय के रूप में किया जा रहा था, लेकिन उसे स्टोर रूम बताया गया था। वहीं पुलिस विभाग के सूत्रों के अनुसार, बेसमेंट का गेट बंद था लेकिन अंदर घुसे बारिश के पानी के तेज दबाव के कारण वह क्षतिग्रस्त हो गया।

पुलिस विभाग के सूत्रों ने कहा कि हम घटनाक्रम का पता लगाने के लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद हम उन लोगों की पहचान करेंगे जो घटना के दौरान संस्थान के करीब खड़े थे और फिर उनके बयान दर्ज करेंगे। पुलिस ने अब तक कम से कम छह छात्रों के बयान दर्ज किए हैं जो बेसमेंट में फंसे थे लेकिन समय रहते बाहर निकल आए। इनमें से कुछ को दूसरे छात्रों और स्थानीय लोगों ने बचाया था।

जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक की जांच में घटना के दो मुख्य कारण सामने आए हैं - पहला, नगर निगम ने मानसून आने से पहले सड़क किनारे के नाले को साफ नहीं किया और दूसरा, बेसमेंट में पानी की निकासी का कोई प्रावधान नहीं था। यही नहीं बेसमेंट में अवैध रूप से लाइब्रेरी बनाई गई थी। संदेह है कि लाइब्रेरी में पानी घुसने से गेट पर लगा बायोमेट्रिक सिस्टम जाम हो गया, जिससे छात्र बेसमेंट में ही फंस गए।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एम. हर्षवर्धन ने कहा कि समय पर नाला साफ नहीं होने का कारण जानने के लिए पुलिस MCD के अधिकारियों को तलब कर सकती है। हमने राजेंद्र नगर पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या), 106 (1) (जल्दबाजी या लापरवाही में किए कार्य से किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनना, जो आपराधिक मानव वध की श्रेणी में नहीं आता), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने की सजा), 290 (इमारतों को गिराने, मरम्मत करने या बनाने के संबंध में लापरवाही) और धारा 35 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एम. हर्षवर्धन ने बताया कि अब तक दो लोगों- कोचिंग सेंटर के मालिक अभिषेक गुप्ता और समन्वयक देशपाल सिंह को गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया।

उप निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार शर्मा के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर का मालिक घटना के समय वहां मौजूद था और वह बेसमेंट में पुस्तकालय चलाने के लिए आवश्यक दस्तावेज पेश नहीं कर सका। मालिक ने यह भी स्वीकार किया कि बेसमेंट में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी। प्राथमिकी में कहा गया है कि बेसमेंट में पानी भरने की सूचना पीसीआर को मिलने के बाद सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) बीरेंद्र को मौके पर भेजा गया।

इसमें कहा गया कि एएसआई ने देखा कि इलाके में पानी भरा हुआ है और पार्किंग क्षेत्र में तीन फुट तक पानी भर गया है। उन्होंने तुरंत राजेंद्र नगर थाना प्रभारी को सूचित किया साथ ही अग्निशमन विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल को भी घटना की जानकारी दी गई।

बचाव अभियान के दौरान बेसमेंट से दो छात्राओं और एक छात्र का शव बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि इस घटना में मारे गए छात्रों की पहचान उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की श्रेया यादव (25), तेलंगाना की तान्या सोनी (25) और केरल में एर्नाकुलम के नवीन दलविन के रूप में की गई है। सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो रहे एक वीडियो में कथित तौर पर दिखाया गया है कि बेसमेंट में स्थित पुस्तकालय में पानी प्रवेश कर रहा है और कुछ विद्यार्थी सीढ़ियों से भाग रहे हैं।