बेसमेंट में अचानक आया सैलाब, बेचों पर खड़े हुए लेकिन नहीं बची जान, हादसे की पूरी कहानी
दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक तेजी से पानी भरने के कारण दो छात्राओं की मौत हो गई जबकि एक छात्र अभी भी लापता बताया जाता है। कैसे हुआ हादसा पढ़ें यह रिपोर्ट..
दिल्ली के राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक तेजी से पानी भरने के कारण दो छात्राओं की मौत हो गई जबकि एक छात्र अभी भी लापता बताया जाता है। दिल्ली अग्निशमन सेवा, एनडीआरएफ और दिल्ली पुलिस के जवान मौके पर खोज एवं बचाव अभियान चला रहे हैं। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को भारी बारिश और बाढ़ के कारण कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में छात्रों के फंसने की घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही 24 घंटे के भीतर शुरुआती जांच रिपोर्ट तलब की है।
डीसीपी सेंट्रल एम. हर्षवर्धन ने कहा कि 7 बजे फायर डिपार्टमेंट को एक कॉल मिली। इसमें बताया गया कि कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से 2 छात्राएं और एक छात्र फंस गए हैं। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शनिवार शाम को भारी बारिश के कारण सड़क पर जलभराव हो गया था। हम मामले की जांच कर रहे हैं कि पूरा बेसमेंट कैसे भर गया। ऐसा मालूम पड़ता है कि बेसमेंट में बहुत तेजी से पानी भरा जिससे छात्र बेसमेंट में ही फंसे रह गए।
वहीं दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय ने कहा- ऐसा लग रहा है कि अचानक नाला या सीवर फट गया जिससे बेसमेंट में तेजी से पानी भर गया। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जांच में सामने आया है की बेसमेंट में लाइब्रेरी थी। लाइब्रेरी में करीब 30 से 35 स्टूडेंट थे। अचानक से बेसमेंट में तेजी से पानी भरने लगा। इससे स्टूडेंट बचने के लिए बेसमेंट में रखी बेचों के ऊपर खड़े हो गए। पानी का दबाव इतना ज्यादा था कि बेसमेंट में लगे कांच फटने लगे। बच्चों को रस्सियों की मदद से बाहर निकाला गया।
वहीं फायर ऑफिसर अतुल गर्ग ने बताया- हमें शाम करीब 7.15 बजे घटना की सूचना मिली। हमें बताया गया कि एक बेसमेंट में पानी भर गया है जिसमें कुछ स्टूडेंट फंसे हुए हो सकते हैं। इसके बाद दमकल की 5 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। हमने वहां देखा कि बेसमेंट पूरा पानी से भरा हुआ है। बेसमेंट से पानी भरा आ रहा था। हमने पानी को पंप करके बाहर निकालना शुरू किया। लेकिन पानी वापस बेसमेंट में जा रहा था क्योंकि सड़क भी पानी से लबालब भरी हुई थी।
अतुल गर्ग ने बताया कि जैसे जैसे बारिश का पानी नीचे गया वैसे-वैसे बेसमेंट से पंप लगाकर पानी निकाला गया। हमें पहले एक छात्रा की लाश मिली। इसके कुछ देर बाद दूसरी बच्ची की लाश मिली। जब सड़क और नालियों का पानी नीचे गया तब से ऑपरेशन में तेजी आई। पानी इतना गंदा था कि उसके अंदर जाकर तलाशना संभव नहीं था। गर्ग ने बताया कि पानी तो हर बार बढ़ता है लेकिन इस बार इतनी तेजी से भरा कि किसी को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। स्टूडेंट की मानें तो पानी भरने में पांच मिनट का समय भी नहीं लगा।
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