नोएडा: बार-बार नहीं लगाने होंगे बिजली ऑफिस के चक्कर, व्हाट्सएप के जरिए सात दिनों में होगा समस्याओं का समाधान
बिजली की तमाम समस्याओं का समाधान व्हाट्सएप के माध्यम से सात कार्यदिवसों में किया जाएगा। इससे गौतमबुद्ध नगर के साढ़े तीन लाख से अधिक उपभोक्ताओं को छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए बार-बार निगम...
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बिजली की तमाम समस्याओं का समाधान व्हाट्सएप के माध्यम से सात कार्यदिवसों में किया जाएगा। इससे गौतमबुद्ध नगर के साढ़े तीन लाख से अधिक उपभोक्ताओं को छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए बार-बार निगम कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
उपभोक्ताओं की समस्याओं और उनकी मांग को देखते हुए विद्युत निगम ने व्हाट्सएप नंबर 7859804803 जारी किया है। अब से पहले इस नंबर पर केवल बिजली कटौती से संबंधित शिकायत ही दर्ज कराई जा सकती थीं। विद्युत निगम ने उपभोक्ताओं की मांग पर व्हाट्सएप नंबर पर बिल देखना, बिल जमा करना, प्रीपेड मीटर रिचार्ज कराने, बिल की पुन: जानकारी प्राप्त करने समेत अन्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
विद्युत निगम के अधिकारी ने बताया कि इसके साथ ही सभी समस्याओं पर कब और क्या कार्रवाई हुई, इसकी प्रक्रिया भी आसानी से देख सकेंगे। इस नंबर पर आने वाली शिकायतों और उनकी कार्रवाई की प्रक्रिया पर मेरठ एमडी कार्यालय से निगरानी रखी जाएगी। मेरठ में ही कंट्रोल रूम बना हुआ है।
फोन करके शिकायत की स्थिति पता चलेगी
मेरठ कंट्रोल रूम से एक सप्ताह बाद फोन करके अपनी शिकायत का अपडेट भी ले सकते हैं। अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो संबंधित क्षेत्र के बिजली अधिकारी से जवाब तलब किया जाएगा। अगर अधिकारी की लापरवाही से त्वरित निस्तारण नहीं हो रहा है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की स्तुति की जाएगी और तत्काल समाधान किया जाएगा।
ऐसे करना होगा लिंक
व्हाट्सएप नंबर 7859804803 पर एक बार कॉल करना होगा। फिर चैट बॉक्स में जाकर चैट करें। तुरंत मैसेज आएगा और भाषा का चयन करना होगा। इसके बाद क्षेत्र बताना होगा। किस कनेक्शन के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहता है, उनका अकाउंट नंबर बताए। इसके बाद उपभोक्ता का बिल और उससे जुड़ी तमाम जानकारी आ जाएगी।
विद्युत निगम के मुख्य अभियंता विद्युत वीएन सिंह ने कहा, 'निगम डिजिटल की तरफ बढ़ रहा है। हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं कि उपभोक्ताओं की समस्याओं का डिजिटल माध्यम से निस्तारण किया जाए। ताकि उपभोक्ताओं को कम से कम बिजली दफ्तर आना पड़े।'