ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News NCRकृषि कानूनों पर गतिरोध बरकरार, किसानों ने फिर रोका दिल्ली-नोएडा द्वार, बॉर्डर पर लगा लंबा जाम

कृषि कानूनों पर गतिरोध बरकरार, किसानों ने फिर रोका दिल्ली-नोएडा द्वार, बॉर्डर पर लगा लंबा जाम

नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज एक बार फिर चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली की तरफ जा रहे नोएडा लिंक रोड को ब्लॉक कर दिया। किसानों के इस विरोध प्रदर्शन और नाकेबंदी के कारण...

कृषि कानूनों पर गतिरोध बरकरार, किसानों ने फिर रोका दिल्ली-नोएडा द्वार, बॉर्डर पर लगा लंबा जाम
नई दिल्ली। लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 16 Dec 2020 12:17 PM
ऐप पर पढ़ें

नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज एक बार फिर चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली की तरफ जा रहे नोएडा लिंक रोड को ब्लॉक कर दिया। किसानों के इस विरोध प्रदर्शन और नाकेबंदी के कारण नोएडा-दिल्ली चिल्ला बॉर्डर पर यातायात बाधित हो गया है।

चिल्ला बॉर्डर पर डटे भारतीय किसान यूनियन (भानू) के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने बुधवार को कहा कि मेरी चार दिन से भूख हड़ताल चल रही है। हम यहां शांतिपूर्वक बैठे थे, लेकिन हमारे लोगों को DND पर रोका जा रहा है इसलिए अभी हम रोड ब्लॉक करेंगे। जब तक सारे लोग नहीं आ जाते हम किसी को नहीं जाने देंगे।

नोएडा के एडिशनल डीसीपी  रणविजय सिंह ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, इन्हें कोई कन्फ्यूज़न था जो दूर कर दिया गया है। किसान शांतिपूर्ण धरना दे रहे हैं। दोनों तरफ से ट्रैफिक की व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। संगठन के लोग यहां आते-जाते रहते हैं। उनके नेतृत्व से बात करने के बाद चीजें मैनेज हो जाती हैं।

वहीं, कृषि कानूनों के विरोध के लिए अब उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जगहों से भी पूर्व सैनिक दिल्ली को यूपी से जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने शुरू हो गए हैं। पूर्व सैनिक संगठन से सूबेदार रहे जे.पी. मिश्रा ने बताया कि इस आंदोलन में वह भी किसानों के साथ हैं। ओडिशा से भी और लोग आज आ रहे हैं। साढ़े 10 बजे तक लगभग 200 लोग आ जाएंगे। किसानों के साथ अब संत और सैनिक समाज दोनों खड़े हैं।

केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 21वें दिन भी जारी है। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।

गौरतलब है कि किसान यूनियनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज कर दिया है और उन्होंने सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल की थी।

बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों - द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें