नोएडा प्राधिकरण ने बदला नियम; ढाई हजार किसानों को झटका, अब पूरा मुआवजा ले चुके लोगों को नहीं मिलेगी जमीन
जमीन देने के बदले पूरी मुआवजा राशि ले चुके किसानों को अब पांच प्रतिशत के भूखंड नहीं मिलेंगे। अभी तक किसान कुल मुआवजा राशि में से 10 प्रतिशत प्राधिकरण में वापस जमा कर भूखंड पाने के हकदार बन जाते थे।

जमीन देने के बदले पूरी मुआवजा राशि ले चुके किसानों को अब पांच प्रतिशत के भूखंड नहीं मिलेंगे। अभी तक किसान कुल मुआवजा राशि में से 10 प्रतिशत प्राधिकरण में वापस जमा कर भूखंड पाने के हकदार बन जाते थे। अब भूखंड देने के इस नियम को नोएडा विकास प्राधिकरण ने समाप्त कर दिया है। इससे करीब 2500 किसानों को झटका लगा है।
नोएडा की स्थापना 17 अप्रैल 1976 को हुई थी। ऐसे में इसको बसे हुए करीब 47 साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। किसान आज तक भूखंड और मुआवजा पाने के लिए प्राधिकरण और न्यायालय के चक्कर काट रहे हैं। इस बीच प्राधिकरण ने एक और निर्णय लिया है। जमीन अधिग्रहण के बदले पूरी मुआवजा राशि लेने वाले किसानों को अब नोएडा प्राधिकरण पांच प्रतिशत के भूखंड नहीं देगा। अगर अब कोई किसान मुआवजे की 10 प्रतिशत राशि प्राधिकरण में जमा करता है तो उसका कोई फायदा नहीं होगा।
अधिकारियों ने बताया कि भूखंड मिलने के समय पहले से जमा 10 प्रतिशत राशि के अलावा किसानों को विकास शुल्क भी देना होता है। एक अप्रैल 1997 के बाद जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, उनके लिए पांच प्रतिशत भूखंड देने की योजना लाई गई थी। इसमें भी यह शामिल है कि अगर प्राधिकरण की किसी आवासीय योजना में किसान को भूखंड आवंटित हो गया है तो वह पांच प्रतिशत भूखंड का हकदार नहीं होगा।
किसानों को भूखंड देने के लिए जमीन नहीं नोएडा के गांवों के करीब 3-4 हजार किसान भूखंड पाने की कतार में हैं। प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि किसानों को देने के लिए जमीन काफी कम बची है। अभी हाल ही में नियोजन विभाग ने 40-45 किसानों को शहर के अलग-अलग हिस्सों में भूखंड देने के लिए जमीन चिह्नित की है। प्राधिकरण अफसर सेक्टर-161 से 166 तक बसाने के लिए किसानों से जमीन अधिग्रहित नहीं कर पा रहे हैं।
वर्ष 1997 से पहले भी व्यवस्था नहीं थी
वर्ष 1997 से पहले के किसानों को पांच प्रतिशत भूखंड दिए जाने की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे लोगों के लिए आवासीय योजना लाकर भूखंड दिए जाते थे। काफी किसानों को दो साल पहले 151 में भूखंड दिए गए थे। उनको 29500 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से भूखंड आवंटित किए गए। इसमें भी हजारों किसानों को अपात्र बताकर योजना से बाहर कर दिया गया था, जो अभी तक प्राधिकरण और न्यायालय के चक्कर काट रहे हैं। 10 प्रतिशत राशि दे चुके लोगों को भूखंड देने पर विचार इस आदेश के लागू होने से पहले, जो लोग प्राधिकरण कार्यालय में 10 प्रतिशत राशि जमा कर चुके हैं, उनको भूखंड देने पर विचार किया जाएगा।
पहले 10 प्रतिशत राशि कटकर मिलती थी
अप्रैल 2006 से पहले यह व्यवस्था थी कि किसान को अपर जिलाधिकारी कार्यालय से 10 प्रतिशत राशि काटकर 90 प्रतिशत मुआवजा राशि दे दी जाती थी। लेकिन, वर्ष 2005-06 के आसपास ही कई मामलों में अपर जिलाधिकारी कार्यालय से पूरी मुआवजा राशि का भुगतान किसान को कर दिया गया। ऐसे मामलों को देखते हुए 29 मई 2006 को हुई बोर्ड बैठक में निर्णय लिया गया कि ऐसे किसान, जो भूखंड पात्रता की श्रेणी में आते हैं तथा पांच प्रतिशत का भूखंड चाहते हैं, वे लोग कुल प्राप्त मुआवजा राशि में से 10 प्रतिशत पैसा प्राधिकरण में जमा कर सकते हैं।