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निठारी कांड: एक और केस में CBI कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को दिया मृत्युदंड

गाजियाबाद (Ghaziabad) की विशेष सीबीआई कोर्ट (Special CBI Court) ने शनिवार को नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड (Nithari Case) के दोषी सुरेंद्र कोली (Surendra Koli) को मौत की सजा का ऐलान किया है।...

निठारी कांड: एक और केस में CBI कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को दिया मृत्युदंड
गाजियाबाद | लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 02 Mar 2019 03:43 PM
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गाजियाबाद (Ghaziabad) की विशेष सीबीआई कोर्ट (Special CBI Court) ने शनिवार को नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड (Nithari Case) के दोषी सुरेंद्र कोली (Surendra Koli) को मौत की सजा का ऐलान किया है। सुरेंद्र कोली को कल अदालत ने 14 वर्षीय किशोरी को अगवा कर दुष्कर्म, हत्या और शव के टुकड़े कर हैवानियत करने का दोषी ठहराया था। निठारी कांड में दर्ज कुल 16 मामलों में सुरेंद्र कोली आरोपी हैं। अब तक नौ मामलों में उसे मृत्युदंड सुनाया जा चुका है।

चौदह वर्ष बाद दुष्कर्म और हत्या में कोली दोषी करार

विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत ने घटना के 14 वर्ष बाद शुक्रवार को 14 वर्षीय किशोरी से दुष्कर्म, हत्या के मामले में अभियुक्त सुरेंद्र कोली को पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर दोषी ठहराया था। कारोबारी मोनिंदर सिंह पंधेर की नोएडा के सेक्टर-31 के डी-5 कोठी में 15 मार्च 2005 को यह घटना हुई थी। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने बताया कि घटना के दिन कोली ने सड़क से गुजर रही घरेलू सहायिका की 14 वर्षीय बेटी को काम दिलाने के बहाने कोठी में बुला लिया। बाथरूम में ले जाकर उससे दुराचार किया। चिल्लाने पर चुन्नी से गला घोट कर उसको मार डाला था। शर्मा ने बताया कि कोली पहली मंजिल पर शव के चाकू से टुकड़े कर नाजुक अंगों को पकाकर खा गया। अवशेषों को नाले में फेंक दिया। किशोरी के देर शाम तक घर नहीं आने पर माता-पिता ने उसको ढूंढ़ा लेकिन उसका कोई सुराग नहीं। इसके बाद उसकी मां ने नोएडा सेक्टर-20 थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने 29 दिसंबर 2006 को सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। 

फोटो और खोपड़ी से हुई थी किशोरी की पहचान

निठारी कांड में पुलिस ने छानबीन के दौरान कारोबारी मोनिंदर सिंह पंधेर की डी-5 कोठी, सर्विस रोड और नाले की सफाई में कई कंकाल और खोपड़ियां बरामद की थीं। घर से नाले तक की सफाई में महिलाओं के कपड़ों, चप्पलों, बालों के गुच्छों, कंकाल और खोपड़ियों की बरामदगी के बाद लापता महिलाओं और लड़कि यों की पहचान के लिए परिजनों की आंखें पथरा गईं थीं। इसी छानबीन में 15 मार्च 2015 को लापता किशोरी की पहचान चंड़ीगढ़ के फॉरेंसिक प्रयोगशाला में खोपड़ी और उसकी फोटो से मिलान के बाद पहचान हो सकी थी। 

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