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एनआईओएस और शिक्षा संस्‍कृति ने आयोजित की दो दिवसीय कार्यशाला, मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचीं केंद्रीय राज्यमंत्री, कही ये बात

एनआईओएस और शिक्षा संस्‍कृति उत्‍थान न्‍यास ने नोएडा के कल्याण सिंह सभागार में राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षक शिक्षा विषय पर दो दिवसीय (26-27 अगस्‍त) कार्यशाला का आयोजन किया...

एनआईओएस और शिक्षा संस्‍कृति ने आयोजित की दो दिवसीय कार्यशाला, मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचीं केंद्रीय राज्यमंत्री, कही ये बात
लाइव हिन्दुस्तान,नोएडाFri, 27 Aug 2021 01:03 PM

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एनआईओएस और शिक्षा संस्‍कृति उत्‍थान न्‍यास ने नोएडा के कल्याण सिंह सभागार में राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षक शिक्षा विषय पर दो दिवसीय (26-27 अगस्‍त) कार्यशाला का आयोजन किया है। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर माननीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी पहुंची। 

इसके अलावा विशिष्ट अतिथि सत्र अध्यक्ष श्री अतुल भाई कोठारी, सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास और अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा एनआईओएस शिक्षा जगत के बहुत से शिक्षाविद् एनआईओएस के सभी विभागाध्यक्ष और उच्चाधिकारीगण तथा शैक्षिक और व्यावसायिक शिक्षा विभाग के सभी अधिकारीगण शामिल हुए। 

एनआईओएस की अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा ने मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। अपने संबोधन में प्रो. शर्मा ने शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में एनआईओएस की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। साथ ही प्रारंभिक शिक्षा में डिप्‍लोमा (डी.एल.एड), 100 दिवसीय ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रारंभिक शिक्षकों के लिए व्‍यावसायिक विकास कार्यक्रम (पीडीपीईटी) और जेंडर ग्रीन टीचर परियोजना पर भी प्रकाश डाला। 

समारोह की मुख्‍य अतिथि शिक्षा राज्‍य मंत्री ने एनआईओएस को इस नवाचार के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्‍होंने राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षकों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला। साथ ही एनआईओएस द्वारा किए जा रहे नवाचारों की सराहना की। उन्‍होंने समावेशी शिक्षा के लिए यूनेस्‍को लिटरेरी अवार्ड 2020 प्राप्‍त करने के लिए एनआईओएस को बधाई दी।

अतुल भाई कोठारी ने देश के शिक्षा जगत में शिक्षकों की भूमिका के महत्‍व पर प्रकाश डाला और देश को विकास के पथ पर प्रशस्‍त करने के लिए राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्‍वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में कौशल विकास पर जोर दिया जाना चाहिए। पहले प्रायोगिक व्‍यावहारिक ज्ञान दिया जाए बाद में सैद्धांतिक ज्ञान दिया जाए। शिक्षा परीक्षा का पर्याय नहीं है। शिक्षकों को शिक्षण कला सीखनी होगी। शिक्षण प्रक्रिया के तीन स्‍तंभ पाठ्यक्रम, शिक्षण विधि और परीक्षा तीनों स्‍तरों पर परिवर्तन की आवश्‍यकता है।

इस अवसर पर एनआईओएस द्वारा विशेष रूप से तैयार की गई फिल्‍म 'भारत की शिक्षक शिक्षा का परिदृश्‍य' दिखाई गई। विशिष्‍ट अतिथि एम.पी. पंत कुलाधिपति, राष्‍ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्‍वविद्यालय ने एनईपी 2020 का हवाला देते हुए कहा कि भावी अगली पीढ़ी को आकार देने में शिक्षकों को तैयार करने की आवश्‍यता है, मेंटरों की आवश्‍यकता है। शिक्षकों को ज्ञान देने वाला न बनाकर ज्ञान प्राप्‍त करने का मार्ग प्रशस्‍त करने वाला बनाएं।

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