यमुना की सफाई को लेकर एनजीटी ने दिल्ली जल बोर्ड को लगाई फटकार, कहा- तीन साल में नहीं दिखी कोई प्रगति
यमुना नदी की सफाई को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बुधवार को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को फटकार लगाई और कहा कि पिछले तीन वर्षों में कोई ''सार्थक प्रगति नहीं दिख रही है। हरित पैनल...
यमुना नदी की सफाई को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बुधवार को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को फटकार लगाई और कहा कि पिछले तीन वर्षों में कोई ''सार्थक प्रगति नहीं दिख रही है।
हरित पैनल ने गौर किया कि नदी के पुनर्जीवन पर 13 जनवरी 2015 के उसके फैसले के बावजूद 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) पर काम शुरू नहीं हुआ है।
एनजीटी अध्यक्ष ए.के. गोयल, जस्टिस एस.पी. वांगड़ी और विशेषज्ञ सदस्य नागिन नंदा की बैंच ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में मामले में सुनवाई के बावजूद जमीनी स्तर पर कोई सार्थक प्रगति नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान प्रभारी मुद्दे से निपटने में सक्षम नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि आज हम विफल स्थिति में हैं। हम अनुपयोगी और अक्षम लोग नहीं चाहते जिन्होंने हमें और देश के लोगों को विफल कर दिया है।
स्थिति पर नाखुशी जताते हुए एनजीटी ने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को निर्देश दिया कि किसी उपयुक्त अधिकारी की नियुक्ति करें जो सुनिश्चित कर सके कि एक महीने के अंदर 14 एसटीपी पर काम शुरू कर सकें और उनसे दो हफ्ते के अंदर इस बारे में हलफनामा दायर करने के लिए कहा।