नजफगढ़ नहर पर अतिक्रमण करने वालों पर कसेगा शिकंजा, एनजीटी ने बनाया पैनल, मांगी रिपोर्ट
एनजीटी ने दिल्ली में नजफगढ़ नहर के सहायक नाले पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने वाले भू-माफियाओं पर नकेल कसने वाली है। एनजीटी ने इस मामले में एक पैनल गठित कर के उससे रिपोर्ट तलब की है।
एनजीटी ने दिल्ली में नजफगढ़ नहर के सहायक नाले पर अतिक्रमण के आरोपों को बेहद गंभीरता से लिया है। एनजीटी ने इस मामले में एक पैनल गठित किया है और पैनल से कथित अतिक्रमण पर एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। एनजीटी उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में कापसहेड़ा तहसील के गोयला खुर्द गांव में नजफगढ़ नहर के सहायक नाले पर स्थानीय प्राधिकारियों की मिलीभगत से भू-माफियाओं ने अवैध अतिक्रमण कर लिया है।
आलम यह है कि भू-माफिया इन जमीनों पर पक्के निर्माण भी कर रहे हैं। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अगुवाई वाली पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि नाले के तटबंध पर कई पेड़ों को अवैध रूप से काटा गया है। यही नहीं अतिक्रमण के कारण श्याम कुंज में निवासियों की कल्याण सोसायटी बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रही है।
पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल रहे। पीठ ने 31 जुलाई को दिए गए आदेश में कहा- मूल याचिका में पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया गया है।
इसके साथ ही एनजीटी ने इस मामले में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, दिल्ली जल बोर्ड और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति बनाई। एनजीटी ने कहा- यह समिति साइट का दौरा करेगी और लगाए गए आरोपों की सत्यता का पता लगाएगी। यह समिति अतिक्रमण के लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाएगी। साथ ही अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई समेत एक तथ्यात्मक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। एनजीटी ने मामले में अगली तारीख 11 अक्टूबर दी गई है।
लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर ,और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।