एनजीटी ने हरियाणा के दो नगर निकायों पर लगाया 10 करोड़ रुपये का जुर्माना, अभयारण्य के पास फेंक रहे थे कचरा
राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने हरियाणा के दो नगर निकायों पर पंचकुला जिले में खोल-ही रैतान वन्यजीव अभयारण्य के पास अवैध रूप से कचरा फेंकने को लेकर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हरियाणा के दो नगर निकायों पर पंचकुला जिले में खोल-ही रैतान वन्यजीव अभयारण्य के पास अवैध रूप से कचरा फेंकने को लेकर कुल 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए. के. गोयल की पीठ ने कहा कि एनजीटी के सितंबर 2021 के आदेश का पालन करते हुए एक उप-समिति का गठन किया गया जिसने वहां का दौरा किया और पाया कि पर्यावरणीय मानदंडों और शर्तों का पालन नहीं हो रहा है।
खंडपीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि समिति के अनुसार कचरे को एक नाले में फेंका जा रहा था और गंदा पानी घग्गर नदी में मिल रहा था और मुख्य वन्यजीव वार्डन द्वारा दी गई अनुमति का भी उल्लंघन किया जा रहा था। पीठ ने कहा कि सुधारात्मक कार्रवाई संबंधी समिति की सिफारिशों का पालन नहीं किया गया।
पीठ ने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पंचकूला नगर निगम और कालका नगर परिषद को 'साइट' पर कचरा फेंकने से रोकने के निर्देश जारी किए थे और इसके साथ ही पिछले उल्लंघनों के लिए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की सिफारिश भी की थी। एनजीटी ने कहा कि 'हालांकि, कचरा फेंकना अब तक बंद नहीं हुआ है... और न अन्य आवश्यक कदम उठाए गए थे। मुआवजे का भुगतान भी नहीं किया गया है।'
पीठ ने कहा, 'हम 10 करोड़ रुपये के मुआवजे का निर्धारण करते हैं (जिसमें से 9 करोड़ रुपये पंचकुला नगर निगम द्वारा और 1 करोड़ रुपये कालका नगर परिषद द्वारा जमा कराए जाएंगे।' यह राशि एक महीने के अंदर पंचकुला के जिला मजिस्ट्रेट के पास बहाली उपायों के उपयोग के लिए जमा की जाएगी। आदेश को क्रियान्वित करने के लिए ट्रिब्यूनल ने हरियाणा के शहरी विकास के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया है।
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