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World Most Polluted Capital : दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी, IQAIR की ताजा रिपोर्ट में हुआ खुलासा

World Most Polluted Capital : भारत की राजधानी दिल्ली लगातार चौथे साल दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी रही। यही नहीं, दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 35 भारतीय शहर हैं। आईक्यूएआईआर की...

World Most Polluted Capital : दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी, IQAIR की ताजा रिपोर्ट में हुआ खुलासा
नई दिल्ली | लाइव हिन्दुस्तान टीम Tue, 22 Mar 2022 12:57 PM

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World Most Polluted Capital : भारत की राजधानी दिल्ली लगातार चौथे साल दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी रही। यही नहीं, दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 35 भारतीय शहर हैं। आईक्यूएआईआर की ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

2021 की विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट में लगातार चौथे वर्ष नई दिल्ली को दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी शहर (और चौथा सबसे प्रदूषित शहर) के रूप में दर्शाया गया है। इसके बाद बांग्लादेश में ढाका, चाड में एन'जामेना, ताजिकिस्तान में दुशांबे और ओमान में मस्कट का स्थान है। नई दिल्ली में 2021 में PM2.5 में 14.6% की वृद्धि देखी गई, जो 2020 में 84 μg / m3 से बढ़कर 96.4 μg / m3 हो गई।

भारत सबसे प्रदूषित शहरों में भी प्रमुखता से शामिल है - शीर्ष 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से 35 भारत में हैं, जबकि भारत का वार्षिक औसत PM2.5 स्तर 2021 में 58.1 μg / m3 तक पहुंच गया, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार के तीन साल के प्रयास विफल हो गए। भारत का वार्षिक PM2.5 औसत अब 2019 में मापे गए पूर्व स्तर पर वापस आ गया है।

चिंताजनक रूप से, 2021 में भारत के शहरों में से कोई भी 5 μg / m3 के निर्धारित विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों को पूरा नहीं कर पाया। भारत के 48% शहर 50 μg/m3 से अधिक या WHO के दिशानिर्देशों के 10 गुना से अधिक हैं।

ग्रीनपीस इंडिया के अभियान प्रबंधक अविनाश चंचल ने IQAIR के ताजा आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट सरकारों और निगमों के लिए एक वेकअप कॉल है। यह एक बार फिर उजागर कर रहा है कि लोग खतरनाक प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। शहरी PM2.5 स्तर में वाहनों से होने वाले प्रदूषण का बड़ा योगदान है। भारत में वाहनों की वार्षिक बिक्री बढ़ने की उम्मीद के साथ यदि समय पर सुधारात्मक उपाय नहीं किए गए तो यह निश्चित रूप से वायु गुणवत्ता को प्रभावित करने वाला है। 

चंचल ने कहा कि वायु प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है और यह तेजी से बढ़ती जलवायु परिवर्तन का एक प्रमुख संकेतक है। अच्छी बात यह है कि वायु प्रदूषण संकट का समाधान खोजने के लिए हमें विज्ञान में निवेश करने की आवश्यकता नहीं है। हम समाधान जानते हैं, और यह आसानी से सुलभ है। पीएम वायु प्रदूषण ईंधन के जलने से उत्पन्न होता है जो जलवायु संकट में एक प्रमुख योगदानकर्ता है। अब समय आ गया है कि सरकारें परिवहन के लिए अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दें और बुनियादी ढांचे का निर्माण करें जो साइकिल, सार्वजनिक परिवहन और पैदल चलने वालों को प्रोत्साहित करे।

IQAIR के सीईओ फ्रैंक हैम्स ने कहा कि यह एक चौंकाने वाला तथ्य है कि कोई भी बड़ा शहर या देश अपने नागरिकों को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के नवीनतम वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों के अनुसार सुरक्षित और स्वस्थ हवा प्रदान नहीं कर रहा है। यह रिपोर्ट इस बात को रेखांकित करती है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कितना काम किया जाना बाकी है कि सभी को सांस लेने के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और स्वस्थ हवा मिले। अब कदम उठाने का समय ​​​​है। 

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