सुनहरी बाग रोड मस्जिद को हटाना जरूरी, दिल्ली हाईकोर्ट में NDMC की दलील, अदालत ने कह दी यह बात
एनडीएमसी ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि सुनहरी बाग रोड चौराहा स्थित 150 साल पुरानी मस्जिद को हटाने की जरूरत है। NDMC कहा कि यातायात के सुरक्षित और सुचारू प्रवाह के लिए ऐसा करना जरूरी है।
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (New Delhi Municipal Council, NDMC) ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) को बताया कि सुनहरी बाग रोड चौराहा स्थित 150 साल पुरानी मस्जिद को हटाने की जरूरत है। इस पर कोर्ट ने मस्जिद (Sunehri Bagh Road Masjid) को यथास्थिति रहने देने का आदेश दिया है। एनडीएमसी ने कोर्ट को बताया कि जमीन खाली कर दी गई है। यातायात के सुरक्षित और सुचारू प्रवाह के लिए ऐसा किया गया है।
अदालत जुलाई 2023 में दायर दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें एनडीएमसी को 150 साल पुराने स्मारक के कुछ हिस्सों को तोड़ने या गिराने से रोकने की मांग की गई थी। अदालत ने बीते 7 जुलाई को मामले की सुनवाई करते हुए यथास्थिति कायम रखने का आदेश दिया था। मस्जिद उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन के पास उस चौराहे पर स्थित है जहां मौलाना आजाद रोड, मोतीलाल नेहरू मार्ग और कामराज रोड मिलते हैं।
एनडीएमसी ने अपनी दलीलों में कहा कि यह क्षेत्र उच्च सुरक्षा क्षेत्र में आता है। मस्जिद केंद्र सरकार के कार्यालयों, संसद, सेंट्रल विस्टा परियोजना और रक्षा बलों के उच्च पदस्थ अधिकारियों के कार्यालयों के करीब है। वरिष्ठ अधिकारियों, रक्षा बलों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की आवाजाही के कारण इस चौराहे और आसपास के क्षेत्र में ट्रैफिक जाम एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है।
एनडीएमसी ने कहा कि मामला दिल्ली सरकार के सचिव (गृह) की अध्यक्षता में धार्मिक समिति के समक्ष भी विचार के लिए लंबित है। न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने एनडीएमसी से मस्जिद के विध्वंस की आशंका वाली दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका के जवाब में दायर जवाबी हलफनामा रिकॉर्ड में रखने को कहा।
पीठ ने अधिकारियों को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश देने वाले अंतरिम आदेश को भी बढ़ाया है। उनसे धार्मिक समिति की रिपोर्ट उपलब्ध होने के बाद पीठ के समक्ष रखने को कहा। अगली सुनवाई छह अक्तूबर को होगी। वक्फ बोर्ड की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मस्जिद को नुकसान पहुंचाने से रोकने की मांग की गई थी।
एनडीएमसी ने जवाब दिया कि उसने दिल्ली यातायात पुलिस के पत्र पर कार्रवाई की है। बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए दो बार संयुक्त निरीक्षण किया गया है। संबंधित अधिकारियों ने सर्वसम्मति से निष्कर्ष निकाला कि धार्मिक संरचना को हटाने/स्थानांतरित करने की जरूरत है। याचिकाकर्ता दिल्ली वक्फ बोर्ड का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील वजीह शफीक ने कहा है कि मस्जिद 150 से अधिक वर्षों से अस्तित्व में है। इसमें पांचों वक्त, शुक्रवार एवं ईद की नमाज अदा की जाती है, इसलिए इसे नुकसान नहीं पहुंचाया जाए।
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