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हत्या या आत्महत्या? अरावली के जंगल में पेड़ से लटके मिले बचपन के दोस्त; मोबाइल लोकेशन से आश्रम पहुंची पुलिस

फरीदाबाद में दो छात्रों का पेड़ पर रस्सी के सहारे शव मिलने से हड़कंप मच गया है। दोनों बचपन के दोस्त थे और साथ में दसवीं तक की पढ़ाई की थी। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

हत्या या आत्महत्या? अरावली के जंगल में पेड़ से लटके मिले बचपन के दोस्त; मोबाइल लोकेशन से आश्रम पहुंची पुलिस
Sneha Baluni हिन्दुस्तान, फरीदाबादTue, 26 Sep 2023 02:25 AM
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अरावली के जंगल में एक पेड़ से बंधी रस्सी के फंदे से दो छात्रों के शव लटके मिले हैं। इससे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। मृतकों की पहचान सेक्टर-84 स्थित 16 वर्षीय यश गौतम और सेक्टर-31 निवासी 16 वर्षीय युवराज के रूप में हुई है। दोनों बचपन के दोस्त थे। एक साथ दोनों दसवीं तक पढ़ाई की थी। 11वीं में दोनों का दाखिला अलग-अलग स्कूल में कराया गया था। सूरजकुंड थाना की पुलिस जांच में जुटी हुई है। इस घटना के बाद से परिवार वाले सदमे में हैं। 

पुलिस और मृतकों के परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार यश और युवराज दोनों अच्छे दोस्त थे। सात-आठ महीने पहले तक वह सेक्टर-31 में एक-दूसरे के पड़ोस में रहते थे। उस दौरान दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते भी थे, लेकिन सात-आठ महीने पहले यश के पिता ने सेक्टर-84 स्थित ग्रेटर फरीदाबाद के बीपीटीपी एलिट प्रीमियम सोसाइटी में फ्लैट लेकर रहने चले गए। युवराज अपने परिजनों के साथ सेक्टर-31 में ही रह रहा था। इसके बाद दोनों का 11वीं कक्षा में अलग-अलग स्कूलों में दाखिला करा दिया गया, लेकिन इनका मिलना जारी था। 

रविवार रात करीब तीन बजे यश स्कूटी से ग्रेटर फरीदाबाद से सेक्टर-31 युवराज से मिलने आया। इसके बाद युवराज अपनी मां को घूमने की बात कहकर यश के साथ स्कूटी से कहीं चला गया। रात करीब नौ बजे तक जब दोनों अपने-अपने घर नहीं पहुंचे तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। यश के परिजन युवराज के परिजन से उनके मोबाइल फोन पर संपर्क किया। इस पर युवराज के परिजन भी अपने बेटे के घर नहीं आने पर चिंता जाहिर की। फिर दोनों अपने संबंधित थाना सेक्टर-31 और बीपीटीपी पहुंचे। उन्होंने अपने-अपने बेटों के गुमशुदगी की शिकायत दी और लोकेशन ट्रेस करने के लिए उनका मोबाइल नंबर पुलिस को दिया। पुलिस लोकेशन ट्रेस करने में जुट गई। दोनों के शव अरावली में सिद्धदाता आश्रम के पीछे करीब 200 मीटर अंदर जंगल में मिले।

परिजनों ने नहीं दी शिकायत

सोमवार दोपहर दोनों शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस बाबत मृतकों के परिजनों ने किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं दी है और न ही किसी पर शक जाहिर किया है। पुलिस विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच कर रही है।

सिद्ददाता आश्रम के पास मिला लोकेशन

पुलिस को ट्रेस करने के दौरान दोनों के मोबाइल फोन का लोकेशन सिद्धदाता आश्रम के आसपास मिला। तुरंत पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों की तलाश शुरू की। छानबीन के दौरान यश की स्कूटी सड़क किनारे लावारिस हालत में मिली। पुलिस का शक गहराया तो जंगल में तलाश तेज कर दी गई। सोमवार तड़के दोनों का शव सिद्धदाता आश्रम से करीब 200 मीटर अंदर जंगल में एक पेड़ पर बंधी पतली प्लास्टिक की रस्सी के फंदे से लटका मिला। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम कराने के लिए बीके अस्पताल भेज दिया।

10वीं के बाद स्कूल अलग

परिजनों ने बताया कि यश और युवराज दोनों ने 10वीं तक एक ही स्कूल में पढ़ाई की थी। विकास गौतम ने सेक्टर-84 में शिफ्ट होने के बाद यश का ग्रेफ के एक निजी स्कूल में 11वीं में दाखिला करा दिया। उधर, युवराज का भी अन्य निजी स्कूल में 11वीं में दाखिला मिला।

मौत पर उठ रहे कई सवाल

दो दोस्तों की मौत का चर्चा शहर में दिनभर चलता रहा। लोग तरह-तरह की आशंका जाहिर कर रहे थे। लोगों का कहना था कि आखिर क्या हुआ कि दोनों ने आत्महत्या कर ली। कई इसे हत्या की आशंका भी बता रहे थे। पुलिस से इसमें निष्पक्ष जांच करे।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

युवराज के पिता रामपाल ने बताया कि वह निजी कंपनी में मैकेनिक हैं। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा नोएडा में पढ़ाई करता है। यश के पिता विकास गौतम गुरुग्राम स्थित निजी कंपनी में उच्च पद पर कार्यरत हैं। यश उनका बड़ा बेटा था। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

दोनों पढ़ने में मेधावी थे

युवराज के पिता ने बताया कि कुछ दिनों से युवराज परेशान चल रहा था। रविवार सुबह अपनी मां के पास जाकर रोने लगा। मां ने उससे रोने का कारण पूछा, लेकिन उसने नहीं बताया। इसके बाद मां ने उसे काफी समझाया। इसके बाद वह शांत हुआ। युवराज और यश दोनों अच्छे दोस्त थे। उसका किसी ने कभी झगड़ा नहीं हुआ था। दोनों पढ़ने में मेधावी थे। युवराज ने रविवार शाम फोन कर जल्द घर आने की बातें कही थीं।

दोनों दोस्त शांत स्वभाव के थे

मृतक के युवराज के पिता ने बताया कि उन्हें किसी पर शक नहीं है। उनके बेटे के साथ किसी का झगड़ा भी नहीं हुआ था। युवराज और यश दोनों शांत स्वभाव के छात्र थे। युवराज के पिता रामपाल ने बताया कि पुलिस इस मामले में निष्पक्ष जांच करें। पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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