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जेएनयू में छेड़छाड़: छात्र संगठनों ने निकाला मार्च, किया थाने का घेराव

जेएनयू में विचारधारा से परे सभी छात्र संगठनों ने एक स्वर से छेड़खानी के आरोपी को पकड़ने की मांग की है। वारदात के विरोध में जेएनयू छात्र संघ के नेतृत्व में छात्रों ने गेट संख्या पांच से एक मार्च वसंत...

जेएनयू में छेड़छाड़: छात्र संगठनों ने निकाला मार्च, किया थाने का घेराव
प्रमुख संवाददाता, नई दिल्लीTue, 18 Jan 2022 09:41 PM

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जेएनयू में विचारधारा से परे सभी छात्र संगठनों ने एक स्वर से छेड़खानी के आरोपी को पकड़ने की मांग की है। वारदात के विरोध में जेएनयू छात्र संघ के नेतृत्व में छात्रों ने गेट संख्या पांच से एक मार्च वसंत कुंज थाना तक निकाला और थाने का घेराव किया। यहां पर छात्रों ने जेएनयू प्रशासन, दिल्ली पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों ने कहा कि जब तक आरोपी पकड़ा नहीं जाता, हमारा विरोध जारी रहेगा। 

जेएनयू छात्र संघ का कहना है कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि इस तरह की गंभीर घटना परिसर परिसर में हुई, फिर भी जेएनयू प्रशासन ने इस बारे में अभी तक पीड़िता के समर्थन में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। वहीं, पुलिस का बयान ढुलमुल रवैये को दर्शाता है। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने कहा कि परिसर में इस तरह की घटनाओं में वृद्धि जेएनयू की आंतरिक शिकायत समिति की अयोग्य संरचना का संकेत है, जो परिसर में मौजूद है। आईसीसी शिकायतकर्ताओं को सुरक्षित महसूस कराने में विफल रहा है। छात्र संगठन ने फिर से जेंडर सेंसटाइजेशन कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हरैसमेंट को बहाल करने की मांग की है। 

आइसा की मांग है कि दिल्ली पुलिस अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए तत्काल कार्रवाई करे, जबकि जेएनयू प्रशासन और कैंपस में स्थित सुरक्षा एजेंसी घटना की समान रूप से जिम्मेदारी ले। एबीवीपी के जेएनयू अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने कहा कि कैंपस में छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जेएनयू प्रशासन और यहां की सुरक्षा एजेंसी की है लेकिन इस मामले में प्रशासन की उदासीनता दिखाई दे रही है। 

जेएनयू प्रशासन पर भी सवाल उठाए
इस बारे में जेएनयू प्रशासन ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। छात्र संगठनों ने जेएनयू प्रशासन पर भी इस मामले में सवाल उठाए हैं। छात्र संगठनों का कहना है कि जेएनयू प्रशासन द्वारा इस संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी दी जानी चाहिए। कैंपस में छात्र-छात्राओं के बीच असुरक्षा का माहौल है। वहीं, इस बारे में जब जेएनयू के वरिष्ठ अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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