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दिल्ली में वायु प्रदूषण पर CAQM का एक्शन प्लान, आज से कोयले के उपयोग पर लगेगी पाबंदी; जानें नए नियम

उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कोयले और अन्य गैर मंजूरी ईंधन के उपयोग पर एक सख्त प्रतिबंध लागू हो गया है। नियम का पालन न करने वाली फैक्ट्रियों को बिना किसी चेतावनी के बंद कर दिया जाएगा।

दिल्ली में वायु प्रदूषण पर CAQM का एक्शन प्लान, आज से कोयले के उपयोग पर लगेगी पाबंदी; जानें नए नियम
Abhishek Mishraपीटीआई,नई दिल्लीSun, 01 Jan 2023 12:36 PM

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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण स्तर के मद्देनजर सरकार ने सख्त कदम उठाने के आदेश दिए हैं। रविवार को जारी आदेश में उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में कोयले और अन्य गैर मंजूरी ईंधन के उपयोग पर एक सख्त प्रतिबंध लागू हो गया है। प्रतिबंधों के बारे में बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि नियम का पालन न करने वाली फैक्ट्रियों को बिना किसी चेतावनी के बंद कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कहा कि हालांकि, थर्मल पावर प्लांटों में कम सल्फर वाले कोयले के इस्तेमाल की अनुमति है। लागू किए गए प्रतिबंध CAQM द्वारा पिछले साल जुलाई में जारी व्यापक नीति का हिस्सा है। नीति अगले पांच वर्षों में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए क्षेत्रवार एक्शन प्लान तैयार करती है।

गैर मंजूरी वाले ईंधनों के उपयोग पर लगेगी पाबंदी

अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बिना किसी कारण बताओ नोटिस के कोयले सहित गैर-अनुमोदित ईंधन का उपयोग करने वाले उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को बंद कर दें। सीएक्यूएम के सीनियर अधिकारी ने बताया कि नियम का पालन न करने वाली इकाइयों पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। CAQM पैनल ने छह महीने पहले प्रतिबंध की घोषणा की थी, जिससे सभी उद्योगों को स्वच्छ ईंधन पर जाने के लिए पर्याप्त समय मिल गया था। लेकिन इतने समय के बावजूद गैर मंजूरी वाले ईंधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और वायु प्रदूषण की स्थिति खतरनाक होती जा रही है। बीते कई दिनों से AQI बहुत खराब श्रेणी में है। 

अब बदले नियम

आयोग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जलाऊ लकड़ी और बायोमास ब्रिकेट का उपयोग धार्मिक उद्देश्यों और दाह संस्कार के लिए किया जा सकता है। लकड़ी या बांस के चारकोल का उपयोग होटल, रेस्टूरेंट, बैंक्वेट हॉल (उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली के साथ) और खुले भोजनालयों या ढाबों के तंदूर और ग्रिल के लिए उपयोग करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।

सीएक्यूएम ने पहले जारी किए एक आदेश में कपड़े की इस्त्री के लिए लकड़ी के चारकोल के इस्तेमाल को अनुमति दी थी लेकिन अब नए आदेश के अनुसार 1 जनवरी, 2023 से पूरे दिल्ली-एनसीआर में औद्योगिक, घरेलू और अन्य विविध अनुप्रयोगों में कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं।

1.7 मिलियन टन  कोयले की सालाना खपत

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में फैक्ट्रियों में सालाना लगभग 1.7 मिलियन टन कोयले का उपयोग किया जाता है। अकेले छह प्रमुख औद्योगिक जिलों में लगभग 1.4 मिलियन टन कोयले की खपत होती है। वाहनों के प्रदूषण को कम करने के लिए, केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के NCR क्षेत्रों को भी निर्देश दिया है कि वे 1 जनवरी (रविवार) से केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक ऑटो वाहनों को पंजीकृत करें और डीजल गाड़ियों को 2026 के अंत तक एनसीआर में चलन से बाहर किया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि NCR में 2027 की शुरुआत में इलेक्ट्रिक और CNG वाहनों को ही चलाने की अनुमति दी जाएगी।

दिल्ली में 1998 से डीजल ऑटो रिक्शा के वाहनों को सीएनजी में बदलने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया था। दिल्ली में फिलहाल डीजल से चलने वाले ऑटो का रजिस्ट्रेशन नहीं होता है। दिल्ली परिवहन विभाग ने पिछले साल अक्टूबर में 4,261 ई-ऑटो के पंजीकरण के लिए एक योजना शुरू की थी। राजधानी में पीएम 2.5 पॉल्यूटेंट्स के उत्सर्जन में वाहनों की हिस्सेदारी 40 फीसदी है। इसी के चलते प्रदूषण को कम करने के लिए नए उपाय अपनाए जा रहे हैं। 

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