MCD Election Result 2022: एकीकरण के बाद MCD में पहली बार दिखे कई बदलाव, बंटे मुस्लिम मतदाता तो कांग्रेस को हुआ ये नुकसान
एमसीडी में पहली बार आम आदमी पार्टी (आप) ने किन्नर को मैदान में उतारा और उसने जीत भी दर्ज की। मुस्लिम मतदाताओं का रुझान भी बदला नजर आया है, इसी तरह कई अन्य बदलाव पहली बार देखे गए हैं।
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MCD Election Result 2022: निगमों के एकीकरण के बाद यह चुनाव कई मायने में खास रहा। कई ऐसे बदलाव हुए जो पहली बार देखे गए। लोकतंत्र में जहां यह एक मजबूती का संकेत हैं वहीं, कई दलों के लिए आत्मअवलोकन का प्रश्न भी है। पहली बार आम आदमी पार्टी (आप) ने किन्नर को मैदान में उतारा और उसने जीत भी दर्ज की। मुस्लिम मतदाताओं का रुझान भी बदला नजर आया, इसी तरह कई अन्य बदलाव पहली बार देखे गए हैं।
भाजपा के वार्डों में आप ने लगाई सेंध आप को एकीकृत निगम चुनाव में पहली बार पूर्ण बहुमत मिला है, जो कई राजनीतिक दलों के लिए अप्रत्याशित है। कूड़ा, सफाई, भ्रष्टचार सहित अन्य स्थानीय मुद्दों को पार्टी ने व्यापक स्तर पर उठाया था। कुछ वार्ड भाजपा के लिए मुफीद माने जा रहे थे, लेकिन आप ने उन्हीं में सेंध लगाई है।
मुस्लिमों का बंटा रुझान
मुस्लिम बहुल इलाकों में आमतौर पर कांग्रेस या आप की जीत हुई है, लेकिन इस बार मुस्लिम मतदाता का रुझान बंटा नजर आया। यहां से बसपा, सपा, लोकदल जैसे दलों का कोई प्रत्याशी नहीं जीत पाया है। पहली बार असदउद्दीन आवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने दिल्ली के नगर निगम चुनाव में अपना प्रत्याशी उतारा था। हालांकि उसे जीत नहीं मिल पाई, लेकिन लगभग आधा फीसदी से अधिक मत इस दल को प्राप्त हुए हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, 0.62 फीसद मत मिले हैं।
कांग्रेस को नुकसान
राजधानी में कांग्रेस पार्टी अपना जनाधार खोती नजर आ रही है। भले ही विधानसभा चुनाव की तुलना में अपने मत फीसदी में इजाफा बता रही हो, लेकिन 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मत प्रतिशत लगभग 21 था, जो इस चुनाव में 11.68 फीसदी रह गया है। ऐसा पहली बार है जब कांग्रेस का मत प्रतिशत 20 फीसदी से घटा है। आप का मत प्रतिशत पहले 26 फीसदी था और अब लगभग 42 हो चुका है। इससे आप को बड़ा लाभ मिला है।
किन्नर को बनाया गया उम्मीदवार
आप ने पहली बार बॉबी किन्नर को टिकट दिया। बॉबी उस समय चर्चा में आईं थी जब उन्होंने 2017 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और सभी पार्टियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि जब चुनाव लड़ने का फैसला किया तो उनसे टिकट के बदले 50 लाख रुपये मांगे, जिसके बाद उन्होंने बड़ा फैसला लिया और चुनाव में उतर गई। इस बार उन्हें जीत मिली।