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जमानत मांगने के पूरे हकदार मनीष सिसोदिया, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा?

मनीष सिसोदिया पिछले 16 महीनों से जेल में हैं। उन्होंने अपनी याचिका में दलील दी है कि उनके खिलाफ मुकदमे में पिछले साल अक्टूबर से अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है।

जमानत मांगने के पूरे हकदार मनीष सिसोदिया, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा?
Aditi Sharma हिन्दुस्तान टाइम्स, नई दिल्लीMon, 29 July 2024 11:46 AM
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दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बात कही है। कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली शराब नीति मामले में अनियमितताओं को लेकर ईडी और सीबीआई का जांच का सामना कर रहे मनीष सिसोदिया जमानत मांगने के हकदार हैं। कोर्ट ने ईडी को 5 अगस्त से इस मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि कोर्ट ने पिछले साल 30 अक्टूबर को उनकी पहली जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अगर मुकदमा अगले 6-8 महीनों भी खत्म नहीं होता तो वह नई याचिका दायर कर सकते  हैं। कोर्ट ने कहा, 30 अक्टूबर से लेकर अब तक 6-8 महीने पूरे हो चुते हैं। ऐसे में अब उनकी जमानत याचिका पर मेरिट के आधार पर विचार किया जा सकता है। 

बता दें, मनीष सिसोदिया पिछले 16 महीनों से जेल में हैं। उन्होंने जमानत का अनुरोध करते हुए दलील दी थी कि वह 16 महीनों से जेल में हैं और उनके खिलाफ मुकदमे में पिछले साल अक्टूबर से अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है।  ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा एजेंसी को जमानत याचिका पर विचार करने के खिलाफ कुछ आपत्तियां थीं। राजू ने कहा कि वर्तमान सुनवाई 21 मई के दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश से संबंधित है जिसमें सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस आदेश को पिछले महीने सिसोदिया की दूसरी जमानत याचिका में चुनौती दी गई थी जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ट्रायल कोर्ट में जाने का निर्देश दिया था।

उन्होंने कहा, मौजूदा मामला 21 मई के खिलाफ है जबकि 4 जून के आदेश के मुताबिक उन्हें ट्रायल कोर्ट जानिए चाहिए था। वहीं कोर्ट ने ईडी से कहा कि 4 जून के आदेश में केवल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का बयान दर्ज किया गया है कि ईडी की चार्जशीट 3 जुलाई तक दायर की जाएगी। "योग्यता के आधार पर फैसला कहां है?"

16 महीनों से जेल में मनीष सिसोदिया

बता दें, मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टचार और धनशोधन के मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं पर पुनर्विचार करने का अनुरोध करते हुए भी एक याचिका दायर की है। सीबीआई ने शराब नीति मामले में सिसोदिया की कथित भूमिका को लेकर 26 फरवरी 2023 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर धनशोधन के मामले में नौ मार्च 2023 को उन्हें गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने पिछले साल 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने याचिका में कहा है कि जांच एजेंसियों की ओर से पेश कानून अधिकारी ने चार जून को पीठ को बताया था कि कथित आबकारी नीति घोटाले के मुख्य मामले और इससे जुड़े धनशोधन मामले में चार्जशीट और अभियोजन की शिकायत तीन जुलाई, 2024 को या उससे पहले दायर की जाएगी। कोर्ट ने चार जून को दो मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।

हालांकि, इसने कहा था कि भ्रष्टाचार और धनशोधन से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा अंतिम अभियोजन शिकायत और चार्जशी
 दाखिल किए जाने के बाद सिसोदिया जमानत के लिए अपनी याचिकाएं फिर से दायर कर सकते हैं।

भाषा से इनपुट

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