24 घंटों में जेल से बाहर आ सकते हैं केजरीवाल, मनीष सिसोदिया ने बताया कैसे?
मनीष सिसोदिया की रिहाई से आम आदमी पार्टी में नई जान आ गई है। इस बीच कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मनीष सिसोदिया ने कई ताबड़तोड़ हमले किए।
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जेल से रिहा होने के बाद आज आम आदमी पार्टी के दफ्तर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कई बातें कहीं। इस दौरान उन्होंने इंडिया गठबंधन की पार्टियों से एकजुट होने की अपील भी की। उन्होंने अरविंद केजरवाल का जिक्र भी किया औऱ कहा कि अगर विपक्ष एकजुट हो जाए तो अरविंद केजरीवाल 24 घंटों के अंदर जेल से बाहर आ सकते हैं।
मनीष सिसोदिया ने कहा, अगर हमें इस तानाशाही से लड़ना है तो एकजुट होकर लड़ना होगा। उन्होंने इंडिया गठबंधन से अपील करते हुए कहा, यह मत सोचिए कि आज आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता जेल में हैं। कल आपकी भी बारी आएगी। मैं इंडिया गठबंधन के साथियों से कहना चाहता हूं कि हमें देश के लिए एकजुट होकर लड़ना होगा।
उन्होंने आगे कहा, आज मैं इस मंच से कह रहा हूं कि अगर देश के पूरे विपक्ष के नेता एक बार पूरी ताकत से हुंकार लगाए, तो आज देश में ऐसा माहौल है कि अरविंद केजरीवाल जी 24 घंटे के अंदर जेल से बाहर आ जाएंगे। हमें एकजुट होकर चुनाव लड़ना होगा।
मनीष सिसोदिया ने आगे कहा, जब मैं जेल में गया तो वहां मुझे एक छोटी सी कोठरी में रखा गया। वहां के सिपाहियों ने कहा कि हमें ऊपर से बहुत हिदायतें हैं। मैंने उन्हें बताया कि मैं जंतर-मंतर पर अख़बार पर सोया हूं। मैं अरविंद केजरीवाल जी और संजय सिंह जी वाराणसी में स्टेशन पर सोते थे। मैं AAP के एक-एक कार्यकर्ता को सलाम करता हूं कि आप लोग BJP के लाठी-डंडों से डरे नहीं और उनके दबाव और धमकियों से टूटे नहीं। मैं आप सभी को सलाम करता हूं।
उन्होंने आगे कहा, मैं 17 महीने तक जेल में रहा और तमाम साज़िशों से लड़ते हुए बजरंगबली जी के आशीर्वाद से आपके बीच में हूं। आज मंदिर में पुजारी जी ने सफल होने का आशीर्वाद दिया। मैंने उनसे कहा कि हमारे लिये दिल्ली के एक-एक बच्चे के लिए शानदार स्कूल बनाना ही सफलता का मंत्र है। हमारे असली सारथी अरविंद केजरीवाल जी अभी जेल में बंद हैं। उनके ऊपर बजरंगबली जी की बहुत कृपा है, वह जल्द ही बाहर होंगे। मेरे ऊपर बजरंगबली जी के साथ-साथ बाबा साहेब के संविधान की बहुत कृपा हुई। आज मैं उनके द्वारा लिखे हुए संविधान की ताक़त की वजह से बचकर आया हूं।