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जब चलती गाड़ी में ड्राइवर को हुआ हार्ट अटैक, महिला होमगार्ड ने ऐसे बचाई 15 लोगों की जान

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में तैनात एक महिला होमगार्ड की बहादुरी और समझदारी से 15 कर्मचारियों की जान बच गई। महिला होमगार्ड प्राधिकरण सचल दस्ते के साथ सोमवार को प्रताप विहार में अवैध...

जब चलती गाड़ी में ड्राइवर को हुआ हार्ट अटैक, महिला होमगार्ड ने ऐसे बचाई 15 लोगों की जान
गाजियाबाद | कार्यालय संवाददाताWed, 11 Sep 2019 01:54 PM
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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में तैनात एक महिला होमगार्ड की बहादुरी और समझदारी से 15 कर्मचारियों की जान बच गई। महिला होमगार्ड प्राधिकरण सचल दस्ते के साथ सोमवार को प्रताप विहार में अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने जा रही थी। इसी दौरान गाड़ी के चालक को दिल का दौरा पड़ गया। चलती गाड़ी में चालक की मौत हो गई। महिला होमगार्ड ने आनन-फानन में स्टेयरिंग संभाला और ब्रेक लगाकर गाड़ी को पलटने से बचा लिया।

अवैध निर्माण और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने अभियान चला रखा है। आठों जोन में रोज अवैध निर्माण ध्वस्त और सील किए जा रहे हैं। सोमवार को प्रवर्तन जोन-पांच में टीम नेशनल हाईवे-24 से सटी प्रताप विहार कॉलोनी में अवैध निर्माण ध्वस्त करने गई थी। सचल दस्ते की गाड़ी अकबरपुर-बहरामपुर में थी। सचल दस्ते की गाड़ी को प्रताप विहार में बुलाया गया। मेरठ के कस्तला थाना इंचौली निवासी ऋषिपाल गाड़ी चला रहे थे। उनके पास महिला होमगार्ड मंजू उपाध्याय और सिपाही राजबाला बैठी थीं।

गाड़ी में पीछे की तरफ पुलिस, होमगार्ड और जीडीए के कर्मचारी थे। करीब 15 कर्मचारी गाड़ी में सवार थे। गाड़ी चलाते समय ऋषिपाल को दिल का दौरा पड़ गया और वह स्टेयरिंग पर ही बेसुध होकर गिर गए। इससे गाड़ी नियंत्रण खोने लगी। गाड़ी में बैठे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। यही नहीं, सड़क पर खड़े ठेली और रेहड़ी वाले इधर-उधर भागने लगे, क्योंकि कई ठेलियों को गाड़ी छूकर निकल गई। चालक ऋषिपाल की बगल वाली सीट पर बैठी शास्त्रीनगर एच ब्लाक निवासी होमगार्ड मंजू उपाध्याय ने हिम्मत दिखाते हुए स्टेयरिंग संभाला और ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोका। गाड़ी रूकते ही सभी कर्मचारी नीचे उतरकर ऋषिपाल के पास पहुंचे।

ऋषिपाल को अचेत हालत में कर्मचारी इलाज के लिए नेहरूनगर के एक निजी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद जीडीए के चालक संघ के उपाध्यक्ष शम्मी वसीम भी काफी कर्मचारियों को लेकर अस्पताल पहुंचे। घटना के बाद चालक के परिजन भी अस्पताल पहुंच गए। कर्मचारियों ने ऋषिपाल के परिजनों को दिलासा देकर शांत कराया। परिजन पोस्टमार्टम कराने के लिए तैयार नहीं थे। उन्हें समाझकर पोस्टमार्टम के लिए तैयार कराया गया। चालक का मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

चालक को दिल का दौरा पड़ा

चालक को अचानक हार्ट अटैक होने के बाद जिस तरह मंजू ने गाड़ी को संभाला उसकी बहादुरी की हर कोई तारीफ कर रहा है। जीडीए इंस्पेक्टर जितेंद्र कालरा का कहना है कि मंजू उपाध्याय ने बहादुरी का काम किया है। उसकी समझदारी से ही कई कर्मचारियों की जान बच गई। वह यदि हिम्मत नहीं दिखाती को कई लोगों की जान जा सकती थी।

अचनाक हिम्मत आ गई

मंजू का कहना है कि गाड़ी ने पूरा नियंत्रण खो दिया था। इससे गाड़ी पलट सकती थी। उसे लगा कि यदि अब कुछ नहीं किया गया तो कई कर्मचारियों की जान चली जाएगी। इतना सोचते ही हिम्मत आ गई और तुरंत स्टेयरिंग संभाल लिया। ब्रेक लगने के बाद राहत की सांस ली।

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