लीज खत्म होने के बाद भी कुलदीप बिश्नोई ने फार्महाउस नहीं किया खाली, कोर्ट पहुंचा मालिक; मिला यह आदेश
कुलदीप बिश्नोई ने लीज खत्म होने के बावजूद फार्महाउस खाली नहीं किया। ऐसे में मालिक कोर्ट पहुंच गया। पटियाला हाउस कोर्ट ने इस केस में बिश्नोई को पक्षपार बनाने का आदेश दिया है।

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को एक मामले में कुलदीप बिश्नोई को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। बिश्नोई के परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी - सेठ एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ केस चल रहा है। हैरानी की बात है कि पहले इसी कोर्ट ने कुलदीप का नाम पक्षकारों की सूची से हटाने का आदेश दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सत्यब्रत पांडा ने 31 जनवरी को एक आदेश के जरिए वादी द्वारा दायर समीक्षा आवेदन की अनुमति देते हुए कहा कि नुकसान का निर्धारण करने के लिए यह देखना जरूरी है कि लीज के निर्धारण के बाद वास्तव में कौन गलत कब्जे में रहा था।
चूंकि कुलदीप बिश्नोई निदेशक हैं इसलिए किसी भी व्यक्तिगत दायित्व का निर्णय लेने से पहले उन्हें मुकदमे में एक पक्ष बनाया गया। फार्महाउस के मालिक/वादी का प्रतिनिधित्व फिडेलीगल एडवोकेट्स एंड सॉलिसिटर के वकील सुमित गहलोत कर रहे हैं। 20 मई, 2013 को कुलदीप बिश्नोई ने अपनी कंपनी सेठ एंटरप्राइजेज के जरिए रहने के मकसद से निमितया प्रॉपर्टीज लिमिटेड/मालिक से वेस्टेंड ग्रीन, राजोकरी, नई दिल्ली में एक फार्म हाउस लीज पर लिया। यह फार्म पहले कुलदीप बिश्नोई की राजनीतिक पार्टी - हरियाणा जनहित कांग्रेस (एचजेसी) का पंजीकृत पार्टी कार्यालय/मुख्यालय था।
वादी के अनुसार, लीज की समाप्ति के बावजूद, जो 2 साल की अवधि के लिए थी, कुलदीप बिश्नोई ने फार्म को खाली नहीं किया और अवैध रूप से कब्जा बरकरार रखा। इसके कारण मालिक को 2015 में दिल्ली की कोर्ट में केस दाखिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा। कोर्ट ने तीन सितंबर, 2020 को सेठ एंटरप्राइजेज/ कुलदीप बिश्नोई को फार्महाउस खाली करने और मालिक को कब्जा सौंपने का निर्देश दिया था। पटियाल हाउस कोर्ट ने 29 अक्टूबर, 2022 को एक आदेश के जरिए बिश्नोई परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी को 3,75,00,568/- रुपये का किराया देने का निर्देश दिया, जिसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 जनवरी, 2013 को सेठ एंटरप्राइजेज को 29 अक्टूबर, 2022 को ट्रायल कोर्ट के आदेश के अनुसार 50 प्रतिशत राशि जमा करने और इसे ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमा करने का निर्देश दिया। मकान मालिक/ऑनर के पुनर्विचार आवेदन पर, जिसमें सुमित गहलोत एडवोकेट द्वारा तर्क दिया गया कि 18 जनवरी 2016 को कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ विशेष रूप से नुकसान के प्वाइंट पर मामले तय किए जाएं।