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चाइल्ड पॉर्न : मास्टरमाइंड निखिल वर्मा का खुलासा, दो साल से चल रहा है व्हाट्सऐप ग्रुप किड्स थ्री एक्स

सीबीआई की गिरफ्त में आए चाइल्ड पोर्न के मास्टरमाइंड निखिल वर्मा से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि वह दो साल से बच्चों की अश्लील वीडियो बनाकर विदेशों में भेजता था। उसने अपने व्हाट्सऐप ग्रुप का...

चाइल्ड पॉर्न : मास्टरमाइंड निखिल वर्मा का खुलासा, दो साल से चल रहा है व्हाट्सऐप ग्रुप किड्स थ्री एक्स
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीFri, 23 Feb 2018 10:22 PM
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सीबीआई की गिरफ्त में आए चाइल्ड पोर्न के मास्टरमाइंड निखिल वर्मा से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि वह दो साल से बच्चों की अश्लील वीडियो बनाकर विदेशों में भेजता था। उसने अपने व्हाट्सऐप ग्रुप का नाम 'किड्स थ्री एक्स' रखा था। 

सूत्रों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे इस ग्रुप से कितने लोग जुड़े हैं, इसकी जांच की जा रही है। इस सिलसिले में सीबीआई विदेशों से यह जानकारी हासिल करेगी कि कितने लोग इस ग्रुप से जुड़े हैं। इस सिलसिले में निखिल वर्मा के साथी दिल्ली निवासी नफीस रेजा, जाहिद उर्फ जाकिर, नोएडा निवासी आदर्श व मुंबई के सत्येंद्र चौहान से भी पूछताछ की गई। 

फिलहाल उनकी गिरफ्तारी से सीबीआई अधिकारियों ने इनकार किया है। निखिल वर्मा को कन्नौज से गिरफ्तार कर दिल्ली सीबीआई मुख्यालय लाया गया है। सूत्रों का कहना है कि उससे जांच अधिकारियों ने दिनभर पूछताछ की। बताया गया कि छापेमारी में जब्त किए गए कम्प्यूटर, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क सहित अन्य इलेक्ट्रोनिक सामग्री को फोरेसिंक प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया है।

सीबीआई का कहना है कि अश्लील वीडियो के इस व्हाट्सऐप ग्रुप के बारे में उन्हें अपने इंटेलिजेंस के जरिये जानकारी मिली थी। इसमें कोई शिकायतकर्ता नहीं है। कुछ मोबाइल नंबर के लिंक से यह गिरोह पकड़ में आया है। दिल्ली, यूपी और मुंबई में छापेमारी की गई थी।

साइबर अपराध
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में साइबर क्राइम से संबंधित 11592 मामले वर्ष 2105 में हुए थे। साइबर अपराध में उत्तर-प्रदेश टॉप रहा, जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र था। उत्तर-प्रदेश पुलिस ने साइबर अपराध से जुड़े 2208 मामले दर्ज किए थे, जबकि महाराष्ट्र पुलिस ने 2195 मामले दर्ज किए थे। 

साइबर अपराध का मकसद

आर्थिक लाभ -33.3 प्रतिशत

फ्राड-9.6 प्रतिशत

महिलाओं से छेड़छाड़- 5.2 प्रतिशत

शरीरिक उत्पीड़न- 5.1 प्रतिशत

बदनामी के लिए-3.3 प्रतिशत

अपराधी प्रोफाइल

व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता -19.9  प्रतिशत

पड़ोसी/दोस्त - 14.7 प्रतिशत

व्यवसायिक हैकर्स- 13.5 प्रतिशत

छात्र - 10 प्रतिशत 

सेक्सुअल प्रेडटर 5.1 प्रतिशत

असंतुष्ट कर्मचारी 3.1 प्रतिशत

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