जामा मस्जिद फूल लेकर मिलने का जगह नहीं...विवाद बढ़ने पर शाही इमाम ने वापस लिया फैसला, दी ये नसीहत
जामा मस्जिद के शाही इमाम ने मस्जिद में लड़कियों के प्रवेश पर रोक वाला आदेश जारी किया। हालांकि विवाद बढ़ने पर आदेश वापस ले लिया। इमाम का कहना है कि यह फूल लेकर मिलने की जगह नहीं है।
जामा मस्जिद में लड़कियों के प्रवेश पर पाबंदी वाला आदेश विवाद बढ़ने के बाद वापस हो गया। इस पर मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने गुरुवार को कहा कि जामा मस्जिद इबादतगाह है। हम आदेश को वापस ले रहे हैं, लेकिन यह किसी लड़की-लड़के के लिए फूल लेकर मिलने की जगह नहीं है। मस्जिद आने वालों को इसका ध्यान रखना चाहिए। यहां परिवार के साथ आएं। मस्जिद घूमें।
अस्वीकार्य बताया था
मस्जिद में अकेली लड़कियों के प्रवेश पर रोक वाले आदेश का राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया था। वहीं महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली कार्यकर्ताओं ने इस फैसले को प्रतिगामी तथा अस्वीकार्य बताया था। बता दें कि यह फैसला लिए जाने के बाद दिनभर यह मामला छाया रहा था। लोग इसको लेकर अलग-अलग राय दे रहे थे।
इमाम को महिला आयोग की अध्यक्ष ने नोटिस दिया था
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस मामले पर जामा मस्जिद के शाही इमाम को नोटिस जारी किया था। आयोग ने मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध की मीडिया रिपोर्टों पर स्वत संज्ञान लिया था। मालीवाल ने शाही इमाम को भेजे नोटिस में महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को वापस लेने की सिफारिश की थी।
दिल्ली महिला आयोग ने कहा था कि दिल्ली में जामा मस्जिद एक ऐतिहासिक मस्जिद है और महिलाएं सदियों से बिना किसी प्रतिबंध के धार्मिक परंपराओं को करने के लिए वहां जाती रही हैं। महिलाओं को स्वतंत्र रूप से मस्जिद में प्रवेश करने और उसका पालन करने से रोकना अत्यधिक भेदभावपूर्ण है। पूजा स्थल बिना किसी लिंगभेद के सभी के लिए खुले होने चाहिए। ऐसा आदेश स्पष्ट रूप से स्त्री विरोधी है।
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