केजरीवाल के बंगले पर खर्च को लेकर विधानसभा में हो चर्चा, उठने लगी विशेष सत्र की मांग
इस चिट्ठी में भाजपा विधायक ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा उनके शीशमहल को बनाने में 45 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये गये। बंगले के रेनोवेशन में भारी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार हुआ है।

अपने बंगले पर रेनोवेशन कराने का विवाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का पीछा नहीं छोड़ रहा है। दिल्ली बीजेपी के कई बड़े नेता पहले ही इस मुद्दे पर केजरीवाल को निशाने पर लेते आए हैं। अब बीजेपी दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में भी केजरीवाल को इस मुद्दे पर घेरने का प्लान बना रही है। केजरीवाल के बंगले पर हुए खर्च के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बीजेपी ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग उठाई है। दिल्ली बीजेपी के विधायक अजय महावर (Ajay Mahawar MLA, BJP) ने विशेष सत्र बुलाने के लिए दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल (Ramnivas Goyal) को चिट्ठी तक लिखा है।
इस चिट्ठी में भाजपा विधायक ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा उनके शीशमहल को बनाने में 45 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये गये। बंगले के रेनोवेशन में भारी गड़बड़ी और भ्रष्टाचार हुआ है, जिससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंचा है। इस चिट्ठी में विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया गया है कि वो इस मुद्दे पर चर्चा के लिए कम से कम दो दिन का विशेष सत्र बुलाएं। बता दें कि अजय महावर घोण्डा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक हैं।
अरविंद केजरीवाल के दिल्ली स्थित आवास को लेकर बीजेपी ने पहले यह आरोप लगाए थे कि जिस वक्त दिल्ली में कोरोना वायरस ने त्राहिमाम मचा रखा था उस वक्त दिल्ली सरकार के मुखिया अपने आवास का रेनोवेशन करवा रहे थे। बीजेपी ने दावा किया था कि रेनोवेशन में 45 करोड़ रुपये खर्च किये। इस दौरान वियतनाम से मार्बल मंगाए गए, घर में करोड़ों रुपये के पर्दे लगवाए गए और लाखों रुपये के टॉयलेट भी बनवाए गए। हालांकि, कांग्रेस नेता अजय माकन ने रेनोवेशन पर आए खर्च को 100 करोड़ रुपये से ज्यादा बताया था और यह भी कहा था इस दौरान पर्यावरण से जुड़े नियमों की अनदेखी भी की गई थी। दोनों ही पार्टियां इस मुद्दे पर लगातार केजरीवाल सरकार को घेर रही हैं। दोनों पार्टियों ने बंगले के रेनोवेशन के लिए निकाले गए टेंडर में भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाती हैं।
इधर पूरे मामले में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने मुख्य सचिव को रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा था। लेकिन प्रशासनिक शक्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अहम आदेश आने के बाद अब केजरीवाल सरकार ने एलजी द्वारा अफसरों को दिये गये कई निर्देशों पर कार्यवाही करने से रोक लगा दी है। बंगले के मुद्दे की जांच कर रहे विशेष सचिव, (सतर्कता) वाई,वी.वी.जे राजशेखर ने आरोप लगाया है कि उनके कार्यालय में बंगले की जांच को लेकर रखी हुई फाइलों से छेड़छाड़ की गई है। इस संबंध में उन्होंने गृहमंत्रालय से भी शिकायत की है।