Exclusive Interview: 4 साल की बच्ची से रेप,पढ़ें उसकी मां का दर्द
दिल्ली के द्वारका में एक निजी स्कूल में मासूम बच्ची के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है। बच्ची की मां ने 4.5 साल के बच्चे पर आरोप लगाया है कि उसने बच्ची के साथ यौन शोषण किया है। पीड़ित बेटी की...
दिल्ली के द्वारका में एक निजी स्कूल में मासूम बच्ची के साथ यौन शोषण का मामला सामने आया है। बच्ची की मां ने 4.5 साल के बच्चे पर आरोप लगाया है कि उसने बच्ची के साथ यौन शोषण किया है। पीड़ित बेटी की मम्मी ने कहा, इस घटना के बाद से मेरी बेटी सदमे में है और स्कूल अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहा है। बच्ची की मां ने लाइव हिंदुस्तान के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की है।
सवाल : यह घटना कहां हुई?
जवाब : संभावित रूप से यह घटना क्लासरूम में या फिर टॉयलेट में हुई।
सवाल : क्या आपने पहले कभी अपनी बेटी को इस तरह की घटना को लेकर सतर्क किया था?
जवाब : हां मेरी बेटी, गुड टच और बैड टच दोनों के बारे में जानती है। जिस दिन मेरी बेटी के साथ यह घटना हुई, उस दिन भी उसने विरोध किया था। लेकिन उसके साथ ऐसा हादसा इसलिए हुआ क्योंकि उसकी मदद के लिए उसके आसपास कोई टीचर नहीं था। अकेली होने की स्थिति में वह बहुत कुछ नहीं कर पाई। इस घटना के बाद मेरी बेटी सदमे में है। वह कहती है कि वह जादूगरनी बनना चाहती है और दोषी लड़के को एक बॉल बनाकर, उसे जोर से मारना चाहती है।
सेक्सुअल एक्ट:अगर बच्चों में दिखे ये लक्षण,तो Parents अपनाएं ये Tips
सवाल : क्या बच्ची ने ऐसी किसी घटना के बारे में पहले भी बताया था?
जवाब : नहीं ऐसी किसी बात का उसने पहले कभी जिक्र नहीं किया।
सवाल : जिस लड़के ने यह किया, वह किस परिवेश से आता है, उसके मम्मी-पापा क्या करते हैं?
जवाब : मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि मैं जिन चीजों के लिए चिंतित हूं, वह उस परिधि से बाहर है। दरअसल यह हादसा टीचरों की लापरवाही की वजह से हुआ, जो उस हादसे के समय वहां मौजूद नहीं थे।
सवाल : इस घटना पर स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया क्या थी? क्या उन्होंने अपनी तरफ से लापरवाही की बात स्वीकार की?
जवाब : इस मामले में स्कूल प्रशासन ने बहुत संवेदनहीनता दिखाई है। उनके लिए यह महज सामान्य घटना है, जैसे कि किसी बच्चे की कॉपी, पानी की बोतल या बैग खो गए हों। मुझे इस सवाल का कोई जवाब नहीं मिला है कि स्कूल में यह हादसा कैसे हो गया और टीचर उस समय क्या कर रही थी। यह कैसे संभव हुआ कि टीचर पूरी क्लास को एक आया के हवाले करके चली गई? उस टीचर की जगह कोई और टीचर क्यों नहीं आया? जब मैंने इस मामले में स्कूल प्रशासन को अवगत कराया तो उन्होंने, इसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई क्यों नहीं की और मामले से संबंधित शिकायत पुलिस में क्यों दर्ज नहीं कराई?
बच्ची ने मां को सुनाया दर्द-4.5 साल का बच्चा ऐसे करता था गंदी हरकत
सवाल : इस समय में बच्ची की स्थिति कैसी है?
जवाब : मेरी बेटी सदमे में है। वह अचानक बहुत खामोश हो जाती है। जरा-जरा सी बात पर वह रोने लगती है। रात में वह ठीक से सो भी नहीं पा रही। जब उसने पुलिस और मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पूरी घटना को फिर से दोहराया, तो वह उस सदमे से एक बार फिर से गुजरी और यह बहुत दर्दनाक था। मेरी बेटी ने जो बयान दिया, वह उस पर कायम है और उसने उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। इससे आप समझ सकते हैं कि इस घटना का उस पर कितना गहरा असर हुआ है।
बच्चों की सेक्सुअल क्यूरियोसिटी: बाल मनोचिकित्सक से खास बातचीत
सवाल : क्या आपकी बच्ची शांत स्वभाव की है?
जवाब : मेरी बेटी बहुत प्यारी, मिलनसार और सामाजिक है। वह पढ़ने में तेज है। वह सीधी-सादी, सरल और ईमानदार है, बेकार की चीजों में वह नहीं पड़ती।
सवाल : इस घटना के बाद क्या आप खुद को संभाल पाई हैं?
जवाब : मुझे अपनी बेटी के लिए बहुत फिक्र हो रही है। मुझे डर है कि स्कूल और पुलिस इस घटना के बाद मेरी बेटी से तरह-तरह के सवाल करेंगे और उसे ही बार-बार कसूरवार ठहराया जाएगा।
सवाल : आप बेटी को सामान्य स्थिति में लाने के लिए क्या उपाय कर रही हैं, क्या बच्ची की काउंर्सिंलग कराई है?
जवाब : जब बेटी की स्थिति थोड़ी बेहतर हुई, तो मैं उसे काउंसिलिंग के लिए ले गई थी।
सवाल : क्या इस घटना के बाद मामला दर्ज कराने में आपको किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा?
जवाब : इस मामले में पुलिस उस दोषी क्लासमेट को हिरासत में लेने के लिए कार्रवाई कर रही है, लेकिन इस स्कूल प्रशासन पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई क्यों नहीं हुई है? अगर स्कूल प्रशासन सतर्क होता तो इस तरह का हादसा होता ही नहीं। मैंने हादसे के समय की सीसीटीवी फुटेज देखी है, जिसमें स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि टीचर पूरी क्लास को आया के हवाले कर चली गई। मेरी बेटी क्लास से निकलने वाली आखिरी छात्रा थी।
ये दोनों चीजें मेरी बेटी ने पुलिस और मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने बयान में बताई हैं कि वह अपने पैंट का हुक बंद नहीं कर पा रही थी, जिसे उस लड़के ने खोल दिया था। इस मामले में पुलिस ने स्कूल के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज नहीं किया है। अगर दोषी लड़के पर पॉक्सो की संगीन धारा लगाई गई है तो इस ‘तथाकथित संभ्रांत’ स्कूल के खिलाफ ‘आपराधिक लापरवाही’(क्रिमिनल नेग्लिजिएंस) के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की जा सकती?
मेरी आपसे विनती है कि इस मुद्दे को उठाएं क्योंकि पुलिस स्कूल को बचाने का प्रयास कर रही है, वह इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि बच्चा नाबालिग है, इसीलिए यहां स्कूल की तरफ से हुए अपराध की पुष्टि किए जाने की जरूरत है। मेरी मासूम बेटी, जिसका कोई दोष नहीं है, के साथ क्लास में इस तरह के क्रूर व्यवहार के लिए, उसे मिली तकलीफ के लिए पुलिस को स्कूल पर कार्रवाई करनी चाहिए। अब तक जिस तरह से पुलिस मामले में आगे बढ़ रही है, उसमें स्कूल अपनी जिम्मेदारी से साफ बच निकला है।
जब मैंने स्कूल से इस मामले की शिकायत की, तो न उन्होंने पुलिस में मामला दर्ज कराना जरूरी समझा और न ही मेरी बेटी को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए किसी तरह की मदद की। जब मेरी बेटी का अस्पताल में मेडिकल एक्जामिनेशन चल रहा था और जब मैंने इस घटना की एफआईआर दर्ज कराई, तब भी उन्होंने मुझसे या मेरी बेटी से मिलने का प्रयास नहीं किया। इस भयानक लापरवाही का दोष स्कूल प्रशासन ने कितनी सरलता से उस दोषी बच्चे और उसकी परवरिश पर मढ़ दिया। और स्कूल के प्रिंसिपल, टीचर, स्कूल कोऑर्डिनेटर और मैनेजमेंट को क्लीन चिट दे दी।
इस मामले में पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत सेक्शन 26 के तहत स्कूल पर भी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि इसका कारण टीचर का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार था। हिंदुस्तान अखबार के माध्यम से मैं विनती करना चाहती हूं कि स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। लेकिन यहां सबसे अहम यह है कि इससे मेरी बेटी की पढ़ाई प्रभावित न हो और उसे किसी अच्छे स्कूल में दाखिला मिल जाए।
बच्चों में बढ़ते सेक्सुअल अपराध की वजहें और उसे रोकने के समाधानों पर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. रजत ठुकराल से फेसबुक लाइव पर चर्चा