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दिल्ली में सबसे कम महंगाई दर, रहने-खाने के लिए देश का सबसे सस्ता शहर : मनीष सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में महंगाई दर 2020-21 में पांच महानगरों में सबसे कम रही। उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने COVID-19 के दौरान भी दिल्ली में...

दिल्ली में सबसे कम महंगाई दर, रहने-खाने के लिए देश का सबसे सस्ता शहर : मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली। पीटीआई Fri, 19 Nov 2021 05:07 PM

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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में महंगाई दर 2020-21 में पांच महानगरों में सबसे कम रही। उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल सरकार ने COVID-19 के दौरान भी दिल्ली में कीमतों को नियंत्रण में रखा। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली अन्य शहरों की तुलना में रहने के लिए अधिक किफायती है और यहां भोजन की कीमतें देश में सबसे कम हैं।

सिसोदिया ने शुक्रवार को अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय द्वारा तैयार वार्षिक मूल्य सूचकांक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि 2020-21 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर औसत वार्षिक मुद्रास्फीति वृद्धि दर राष्ट्रीय स्तर पर 5 फीसदी की तुलना में दिल्ली में केवल तीन प्रतिशत रही।

सिसोदिया जो दिल्ली के वित्त मंत्री भी हैं उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने COVID-19 के दौरान भी दिल्ली में महंगाई को नियंत्रण में रखने के लिए कुशल प्रबंधन किया और यहां महंगाई पांच महानगरों में सबसे कम रही।

“2020-21 में, दिल्ली में महंगाई में वृद्धि 3.0 प्रतिशत थी, जबकि कोलकाता, चेन्नई, मुंबई और बेंगलुरु में क्रमशः 4.6 प्रतिशत, 4.4 प्रतिशत, 4.1 प्रतिशत और 4 प्रतिशत दर्ज की गई,” उन्होंने केजरीवाल सरकार के बारे में कहा कि यह आम आदमी के लिए प्रतिबद्ध है और हमेशा उसके साथ खड़ी रहेगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर लगातार नजर रखे हुए है। केजरीवाल सरकार द्वारा सही समय पर अपनाए गए उपायों ने दिल्ली में वस्तुओं की कीमतों को COVID-19 अवधि के दौरान स्थिर रखा और अधिक वृद्धि नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों के लिए राष्ट्रीय मुद्रास्फीति दर 5.7 प्रतिशत थी, जबकि दिल्ली में यह केवल 4.1 प्रतिशत दर्ज की गई थी, जो देश में सबसे कम है।

सिसोदिया ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आवास सूचकांक में वित्त वर्ष 2020-21 में भारत में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, लेकिन दिल्ली में यह केवल 3.9 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार नियमित अंतराल पर बाजार के हस्तक्षेप के माध्यम से वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने और स्थिर करने के प्रयास करती है। 

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