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सेना का गोल्ड मेडल विजेता एथलीट कैसे बना हथियारों का सौदागर, पान सिंह तोमर जैसी है कहानी

एथलीट से हथियार तस्कर बने इस अपराधी बिंटू की कहानी भी बॉलीवुड फिल्म 'पान सिंह तोमर' के किरदार से काफी मिलती-जुलती है। उसने नेपाल में हुई प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल भी जीता था।

सेना का गोल्ड मेडल विजेता एथलीट कैसे बना हथियारों का सौदागर, पान सिंह तोमर जैसी है कहानी
Praveen Sharmaनई दिल्ली। हिन्दुस्तानSun, 08 Oct 2023 08:39 AM
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दिल्ली में उत्तरी जिला पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया हथियार तस्कर एक अच्छा एथलीट होने की वजह से कभी भारतीय सेना की 'ब्वॉयज आर्मी' का सदस्य हुआ करता था। उसने नेपाल में हुई प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल भी जीता था, लेकिन जमीन की लड़ाई के चलते बाद में वह आपराधिक गिरोह में शामिल हो गया और अब सलाखों के पीछे जा पहुंचा है। उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। एथलीट से हथियार तस्कर बने इस अपराधी बिंटू की कहानी भी बॉलीवुड फिल्म 'पान सिंह तोमर' के किरदार से काफी मिलती-जुलती है।

डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि नारकोटिक्स स्क्वॉड के हेड कॉन्स्टेबल रविंद्र ढाका को हथियार तस्करों के दिल्ली में आने की सूचना मिली थी। सूचना के अनुसार, 4 अक्टूबर को हरियाणा के कुख्यात प्रदीप कासनी गिरोह का बदमाश भारी मात्रा में हथियार और कारतूस लेकर आने वाला था। इसके बाद एसीपी धर्मेंद्र कुमार की देखरेख में गठित इंस्पेक्टर सुरेंद्र कुमार की टीम ने मजनूं का टीला से आरोपी को दबोच लिया। पुलिस ने आरोपी बिंटू के कब्जे से 28 पिस्टल और 148 कारतूस बरामद किए। पुलिस को देखकर हथियार लेने आया शख्स वहां से भाग निकला।

डीसीपी ने बताया कि बिंटू को वर्ष 2017 में सेना ने अपनी योजना में शामिल कर लिया। वह उसी साल नेपाल में आयोजित प्रतियोगिता में 800 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल विजेता बना। उसने पुरस्कार स्वरूप मिले 15 लाख रुपये अपनी गर्लफ्रेंड पर खर्च कर दिए। इस दौरान एक दिन बिंटू के ताऊ के परिवार ने जमीनी विवाद में उसकी मां की पिटाई कर दी। इसका बदला लेने के लिए उसने ताऊ के घर पर फायरिंग कर दी। इसके बाद आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने की वजह से एथलीट का करियर खत्म हो गया। चूंकि, ताऊ का परिवार काला गिरोह से जुड़ा था, इसलिए बिंटू जान बचाने के लिए उसके प्रतिद्वंद्वी प्रदीप कासनी गैंग से जुड़ गया। बिंटू पर हरियाणा में आर्म्स एक्ट के सात मुकदमे दर्ज हैं। आरोपी ने बताया कि वह बागपत से हथियारों को दिल्ली में देने के लिए आ रहा था।

गोल्ड मेडल विजेता धावक को सेना ने लिया था गोद

भिवानी निवासी बिंटू अच्छा धावक था। भारतीय सेना 'ब्वॉयज आर्मी' के नाम से योजना चलाती है। इसके तहत प्रतिभाशाली एथलीट्स को सेना अपनी निगरानी में प्रशिक्षण आदि देती है। नीरज चोपड़ा भारतीय सेना की इसी योजना की देन हैं। 

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