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नोएडा विकास प्राधिकरण में आग लगने से जरूरी फाइल जलीं, जांच के लिए कमेटी गठित

नोएडा सेक्टर-6 स्थित नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य दफ्तर में आग लगने से औद्योगिक और औद्योगिक लेखा विभाग के दफ्तरों की कई महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गईं। आग में फर्नीचर, इलेक्ट्रिक पैनल, एसी,...

नोएडा विकास प्राधिकरण में आग लगने से जरूरी फाइल जलीं, जांच के लिए कमेटी गठित
नोएडा | विक्रम शर्माTue, 26 May 2020 11:07 AM
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नोएडा सेक्टर-6 स्थित नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य दफ्तर में आग लगने से औद्योगिक और औद्योगिक लेखा विभाग के दफ्तरों की कई महत्वपूर्ण फाइलें जलकर राख हो गईं।

आग में फर्नीचर, इलेक्ट्रिक पैनल, एसी, फाल्स सिलिंग्स, ग्लास डोर और रैक भी जल गए। ज्यादा नुकसान औद्योगिक लेखा विभाग में हुआ है। तीन घंटे बाद आग पर काबू पाया गया। आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। इसके लिए एक समिति गठित कर दी गई है।

प्राधिकरण कार्यालय में सोमवार सुबह करीब पौने नौ बजे आग लगी। प्राधिकरण के मुख्य गेट से प्रवेश करते ही सामने औद्योगिक लेखा विभाग है। इसी विभाग के सामने से आला अधिकारी सीढ़ियों के जरिए प्रथम तल पर स्थित अपने ऑफिस में जाते हैं। आग लगने की सूचना मिलते ही करीब 20 मिनट बाद दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। चार गाड़ियों के सहारे आग पर काबू पाया गया।

सारा ऑफिस लकड़ियों का बना हुआ है और सीलिंग हो रखी है। ऐसे में फाइल के साथ-साथ इनमें भी आग तेजी से पकड़ गई। आग लगने से सैकड़ों महत्वपूर्ण फाइलों के जलने के अलावा सर्वर भी क्षतिग्रस्त हो गया। आग लगने से इस दफ्तर के सामने बरामदे में स्थित परिसर भी जल गया। आग इतनी भीषण थी कि इन दफ्तरों के चारों ओर लगे शीशे भी टूट गए।

इस मामले में नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने एसीईओ प्रवीण कुमार मिश्र की अध्यक्षता में छह सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। इसके अलावा ओएसडी राजेश सिंह व संतोष कुमार उपाध्याय, महाप्रबंधक राजीव त्यागी व के.के अग्रवाल और सहायक महाप्रबंधक सिस्टम को समिति में शामिल किया गया है। यह समिति आग लगने के कारण, कार्यालय में रखे रिकॉर्ड की क्षति का आंकलन व आगजनी के कारण की जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देगी।

सवाल : भूखंड आवंटन प्रक्रिया पर आरोप लग चुके

अधिकारिक सूत्रों की मानें तो बीते सालों में औद्योगिक के साथ-साथ व्यावसायिक और संस्थागत विभागों से काफी महंगे व महत्वपूर्ण स्थानों पर भूखंड आवंटित हुए हैं। अभी तक पूरी पारदर्शिता के साथ भूखंड आवंटित किए जा रहे हैं, लेकिन कुछ सालों में इन्हीं विभागों के जरिए आवंटित भूखंडों की प्रक्रिया पर आरोप लगते आए हैं।

सफाई : डिजिटाइजेशन व फीड करने का काम पूरा

प्राधिकरण अधिकारियों की मानें तो आग लगने से बेशक फाइलें जल गई हैं, लेकिन इनका रिकॉर्ड सुरक्षित है। औद्योगिक लेखा विभाग से संबंधित फाइलों का डिजिटाइलेशन और फाइलों के डेटा को कम्पूयटर पर फीड करने का काम लगभग पूरा कर लिया गया है। ऐसे में इस विभाग से संबंधित हर रिकॉर्ड प्राधिकरण के पास उपलब्ध है।

संदेह : एक साल के अंदर दूसरी घटना

एक साल के अंदर दूसरी बार बड़ी आग लगने से पहले से चल रहीं सीबीआई और सीएजी जांच के प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में जानबूझकर आग लगाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

संकट : गार्ड नहीं चला सके अग्निशमन यंत्र

प्राधिकरण में लगे आग बुझाने के यंत्र भी वहां मौजूद गार्ड नहीं चला सके। इनको कभी इसका प्रशिक्षण ही नहीं दिया गया। छुट्टी होने की वजह से कार्यालय बंद चल रहा है। आग लगने के बाद गाजियाबाद से फॉरेंसिक टीम को भी जांच के लिए बुलाया गया।

''लेखा विभाग में सिर्फ इंडस्ट्री और ग्रुप हाउसिंग का रिकॉर्ड था। इन विभागों की एक मूल फाइल संबंधित विभाग में भी रहती है। सारे रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन का काम चुका है। आग लगने के बाद भी पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित है। मैं खुद मामले को देख रही हूं। अगर किसी की लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।''- -रितु माहेश्वरी, सीईओ, प्राधिकरण 

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