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होमगार्ड ड्यूटी घोटाला : कई और सीनियर अधिकारियों तक पहुंची जांच की आंच

गौतमबुद्ध नगर में हुए होमगार्ड हाजिरी घोटाले में कुछ वरिष्ठ अधिकारी फंसेेंगे। पुलिस को कुछ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध लगी है। उनके खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। साक्ष्य मिलने के बाद आरोपियों पर...

होमगार्ड ड्यूटी घोटाला : कई और सीनियर अधिकारियों तक पहुंची जांच की आंच
नोएडा | मुख्य संवाददाताThu, 21 Nov 2019 12:32 PM
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गौतमबुद्ध नगर में हुए होमगार्ड हाजिरी घोटाले में कुछ वरिष्ठ अधिकारी फंसेेंगे। पुलिस को कुछ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध लगी है। उनके खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। साक्ष्य मिलने के बाद आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस अधिकारियों की मानें तो होमगार्ड हाजिरी घोटाला प्रदेश के लगभग सभी जिलों में है और इसी तरह से फर्जी हाजिरी लगाकर भुगतान लिया जा रहा है। गौतमबुद्ध नगर में इस घोटाले का खुलासा होने के बाद प्रदेश के अधिकांश जिलों में इसकी जांच शुरू हो चुकी है। अभी इस मामले में कुछ और वरिष्ठ अधिकारियों पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है। 

होमगार्ड विभाग में तैनात बड़े अधिकारी भी इस मामले की जांच की जद में आएंगे जिनकी भूमिका पुलिस के अधिकारी संदिग्ध मान रहे हैं और उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाने में पुलिस टीमें लगी हैं। माना जा रहा है कि अधिकारियों को बचाने के लिए ही जिला कमाडेंट कार्यालय में आगजनी कर रिकॉर्ड को जलाया गया है।  
घोटाले में होमगार्ड के अधिकारियों ने पुलिस के साथ ही जालसाजी की। होमगार्ड विभाग के उच्चाधिकारियों से साठगांठ के चलते अधिकांश इंस्पेक्टर और थाना प्रभारियों के फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी मुहर लगाई गई और ड्यूटी का पैसा ले लिया गया। जो होमगार्ड ड्यूटी पर नहीं आए उनकी फर्जी तरीके से हाजिरी लगा दी गई। 

फर्जी उपस्थिति के आधार पर होमगार्ड जवानों के खाते में वेतन भेज दिया जाता था। घोटाले में शामिल अधिकारी जवानों से अपना हिस्सा ले लेते थे। इसके लिए असली मस्टररोल फाड़कर फर्जी मस्टर रोल कार्यालय में ही तैयार किए जाते थे। 

इन आरोपी अधिकारियों पर कस शिकंजा

  • रामनारायण चैरसिया, मंडलीय कमांडेंट, अलीगढ़। (तत्कालीन जिला कमांडेंट होमगार्ड, गौतमबुद्धनगर)
  • सतीश चन्द सहायक जिला कमांडेंट गौतमबुद्ध नगर, स्थायी पता ग्राम इंद्रगढ़ी निकट दिल्ली धर्मकांटा थाना मसूरी जनपद गाजियाबाद। 
  • मोंटू कुमार प्लाटून कमांडर गौतमबुद्ध नगर निवासी सी-185 देवेंद्रपुरी निवाडी रोड मोदीनगर जनपद गाजियाबाद। 
  • शैलेंद्र कुमार प्लाटून कमांडर गौतमबुद्ध नगर निवासी बसा टिकरी थाना जानी जनपद मेरठ। 
  • सत्यवीर यादव प्लाटून कमांडर गौतमबुद्ध नगर निवासी ग्राम सुराना थाना मुरादनगर जनपद गाजियाबाद। 

डिवीजनल कमांडेंट को मारने के लिए दौड़ी थी महिलाकर्मी 

होमगार्ड ड्यूटी घोटाले में गिरफ्तार किए गया डिवीजनल कमांडेंट आर नारायण चौरसिया पूर्व में भी विवादों में घिर चुके हैं। वह मई 2016 में जिला होमगार्ड कमाडेंट के पद पर मेरठ में तैनात थे। उस दौरान एक महिला होमगार्ड ने इनके दफ्तर में खासा हंगामा किया था और वह जूते लेकर उन्हें मारने दौड़ पड़ी थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।

रामनारायण के कार्यकाल में सबसे ज्यादा गड़बड़ी

गिरफ्तार रामनारायण चौरसिया वर्तमान में अलीगढ़ में मंडलीय कमांडेंट के पद पर तैनात हैं जबकि इससे पूर्व वह 2017 से 2019 तक दो साल तक गौतमबुद्ध नगर जिले में जिला कमांडेंट के पद पर तैनात रहे थे। पुलिस की मानें तो उनकी तैनाती के दौरान ही सबसे अधिक फर्जी ड्यूटी रिकॉर्ड में दिखाते हुए पैसा निकाला गया।

घूसखोरी में घिरे कमांडेंट से छीना मेरठ का चार्ज

पिछले हफ्ते बुलंदशहर के जिला होमगार्ड कमांडेंट मुकेश कुमार का दो हजार रुपये रिश्वत लेते वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। मुकेश कुमार पर बुलंदशहर सहित मेरठ जिले का अतिरिक्त प्रभार था। मामला सामने आने के बाद उनसे मेरठ का कार्यभार वापस ले लिया गया है। रिश्वत ड्यूटी लगाने के बदले ली जा रही थी। 

कब क्या हुआ

17 जुलाई : होमगार्ड के ही एक कर्मचारी ने इस मामले की शिकायत एसएसपी से कर अधिकारियों पर आरोप और ड्यूटी को लेकर हो रहे पूरे घोटाले की पोल खोली।
24 अक्टूबर : अंतिम सप्ताह में एसपी सिटी की रिपोर्ट आने के बाद एसएसपी ने होमगार्ड के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराने के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी।
11 नवंबर : होमगार्ड मुख्यालय ने अधिकारियों के खिलाफ जांच के लिए चार सदस्यों की कमेटी का गठन।
13 नवंबर : मुख्यमंत्री और डीजीपी द्वारा मामले का संज्ञान लेने पर सूरजपुर थाने में आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें किसी अधिकारी को नामजद नहीं किया गया।
18 नवंबर : रात में जिला कमांडेंट कार्यालय में 2014 से लेकर 2019 तक के मस्टररोल और भुगतार के रिकार्ड को संदिग्ध अवस्था में आग लगाकर जला दिया गया।
19 नवंबर :  आग की जांच के लिए एसआईटी का गठन और तीन कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया।

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