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BMW ​​​​​​​Hit And Run Case: जहां 1986 में टू व्हीलर ने मारी थी टक्कर वहीं पर अब BMW ने रौंद दिया; वासुदेव की कहानी

BMW ​​​​​​​Hit And Run Case: पनी बेटी को बेहतर शिक्षा दिलाने का लक्ष्य साहू ने हासिल भी कर लिया। उनकी बेटी ने B.Ed पास कर ली है, लेकिन वासु देव साहू अब अपनी बेटी को शिक्षक बनते नहीं देख सकते हैं। 

BMW ​​​​​​​Hit And Run Case: जहां 1986 में टू व्हीलर ने मारी थी टक्कर वहीं पर अब BMW ने रौंद दिया; वासुदेव की कहानी
Nishant Nandanकरण प्रताप सिंह,नई दिल्लीThu, 26 Jan 2023 08:46 AM

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BMW Hit And Run Case: दिल्ली के मुनिरका इलाके में तेज रफ्तार से सड़क पर दौड़ रही BMW कार ने 57 साल के वासु देव साहू की जान ले ली। वासु देव साहू के बारे में अब यह बात सामने आई है कि करीब 36 साल पहले मुनिरका में दो पहिया वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी थी। इस हादसे के बाद वो करीब 5 साल तक बिस्तर भी ही रहे। बासु देव ब्रिटिश हाई कमीशन में बतौर रसोइया काम करते थे लेकिन उस हादसे के बाद उनकी नौकरी चली गई। लेकिन इतने बड़े हादसे और नौकरी जाने के बाद भी वासु देव ने पश्चिम बंगाल में स्थित अपने गांव वापस लौटने का फैसला नहीं किया बल्कि ठेला चलाकर अपने और अपने परिवार की जीविका चलाने लगे।

उन्होंने अपनी बेटी को बेहतरीन शिक्षा देने का लक्ष्य बनाया था। उन्हें भरोसा था कि अच्छी पढ़ाई की वजह से उनकी बेटी को दिल्ली में अच्छे अवसर मिलेंगे। अपनी बेटी को बेहतर शिक्षा दिलाने का लक्ष्य साहू ने हासिल भी कर लिया। उनकी बेटी ने B.Ed पास कर ली है, लेकिन वासु देव साहू अब अपनी बेटी को शिक्षक बनते नहीं देख सकते हैं। 

बीते रविवार की रात करीब साढ़े दस बजे तेज रफ्तार BMW कार आउटर रिंग रोड पर मुनिरका सिग्नल के पास उन्हें रौंद दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, वासु को टक्कर मारने के बाद कार एक सेकेंड के लिए रुकी और फिर कार चालक कार लेकर भाग गया। साहू मुनिरका में किराये के मकान में रहते थे और हादसे के समय वो अपने घर से करीब 100 मीटर की दूरी पर थे। इस मामले की जांच कर रहे एक जांच अधिकारी ने बताया कि  पुलिस ने लोगों की मदद से साहू को अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। साहू को सिर और शरीर के अन्य अंगों में गंभीर चोट आई थी। 

बेटी ने कही यह बात...

वासुदेव साहू की बेटी मनीषा ने कहा, मेरे पिता एक फाइट थे। साल 1986 में जब यहां तक कि मेरा जन्म भी नहीं हुआ था तब एक स्कूटर ने मुनिरका इलाके में उन्हें टक्कर मार दी थी और उनका पैर टूट गया था। इस सड़क हादसे से पहले वो ब्रिटिस हाई कमिशन में कुक के तौर पर काम करते थे। हाई कमीशन ने उन्हें चिकित्सीय इलाज में मदद की लेकिन उनकी नौकरी चली गई। लेकिन मेरे पिता ने हार नहीं मानी। वो सब्जियां बेचने लगे। 

पत्नी बोलीं- भविष्य अंधकार में है

वासुदेव साहू की पत्नी रोमा ने कहा कि कम कमाई होने के बावजूद वासुदेव साहू यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि मनीषा अपनी पढ़ाई पूरी करे। रोमा ने कहा, 'मेरे पति सब्जियां बेच कर करीब 14,000 रुपया महीना कमाते थे। हम 8,000 रुपया किराया देते थे और 3000-4000 रुपया खाने और घर के अन्य खर्चों में खत्म हो जाता था। बाकी बची हुई राशि मनीषा पर खर्च की जाती थी। अपनी बेटी को शिक्षक बनता देखना मेरे पति का सपना था, लेकिन अब वो चले गये हैं। हमारा भविष्य अंधकार में है।'

इस मामले में पुलिस ने मंगलवार को 31 साल के शिवांग शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। शिवांग अपने पिता एच सी शर्मा की कार चला रहा था। इस मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने टूटे हुए नंबर प्लेट से कार की पहचान की थी। टूटा हुआ नंबर प्लेट घटनास्थल पर मिला था। इसका पता लगाने पर हमने पाया कि कार को इसके मालिक के घर में पार्क किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि जब हादसा हुआ था उस वक्त शर्मा अपने दो दोस्तों और एक ड्राइवर के साथ था।

डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (साउथवेस्ट)मनोज सी ने कहा शर्मा के खिलाफ लापरवाही से कार चलाने को लेकर धारा 279 और 304A के तहत केस कृष्णगढ़ पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि हादसे के वक्त शिवांग शर्मा कार चला रहे थे।

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