जेपी इंफ्राटेक से जुड़े मामलों की एक साथ हो सुनवाई : सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने कर्ज में डूबी जेपी इंफ्रोटेक का अधिग्रहण करने और 20,000 से ज्यादा लंबित फ्लैट के निर्माण की एनबीसीसी की योजना के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीली अधिकरण में दायर अपील गुरुवार को...
उच्चतम न्यायालय ने कर्ज में डूबी जेपी इंफ्रोटेक का अधिग्रहण करने और 20,000 से ज्यादा लंबित फ्लैट के निर्माण की एनबीसीसी की योजना के खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीली अधिकरण में दायर अपील गुरुवार को अपने यहां स्थानांतरित कर लीं। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस अपीली अधिकरण और उच्चतम न्यायालय में लंबित सारी अपीलों पर एक साथ सुनवाई की जाएगी, ताकि इस योजना के अमल में अनावश्यक विलंब से बचा जा सके।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख तक के लिए एनसीएलएटी के 22 अप्रैल के आदेश पर भी रोक लगा दी। इस आदेश के तहत सरकारी स्वामित्व वाली एनबीसीसी को वित्तीय संकट में फंसी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण और इसकी रुकी हुई परियोजनाओं के निर्माण को शुरू करने की सशर्त अनुमति दी थी। पीठ ने कहा कि इस बीच अंतरिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल कंपनी के कामकाज का प्रबंधन देखते रहेंगे। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह निर्देश दिया जाता है कि एनसीएलएटी में लंबित मामले इस आदेश के अनुरूप न्यायालय में स्थानांतरित माने जाएंगे, जिनकी इन अपीलों के साथ ही सुनवाई होगी। इन अपीलों को स्थानांतरित मामलों के साथ 31 अगस्त को सूचीबद्ध किया जाए।
पीठ ने न्यायालय की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि इन सभी स्थानांतरित मामलों और एनसीएलएटी के 22 अप्रैल के आदेश के खिलाफ अपीलों को अगली तारीख पर एकसाथ सूचीबद्ध किया जाए। एनसीएलएटी ने 22 अप्रैल को एनबीसीसी से कहा था कि वह कर्ज में डूबे जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण के प्रस्ताव पर अमल करे और 20,000 से ज्यादा फ्लैट के निर्माण का काम पूरा करे लेकिन यह निर्देश उसके अंतिम आदेश के दायरे में होगा। एनबीसीसी की समाधान योजना को एनसीएलटी पहले ही अपनी मंजूरी दे चुका है लेकिन जेपी समूह और एनबीसीसी ने इसके खिलाफ अपील दायर कर दी थीं।