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दिल्ली-NCR में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल, निजी अस्पतालों की OPD भी ठप

पश्चिम बंगाल में सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में देशभर के डॉक्टरों द्वारा काम का बहिष्कार करने के चलते राजधानी दिल्ली और एनसीआर में कई सरकारी और निजी अस्पतालों में...

दिल्ली के एलएनजेपी और मौलाना आजाद अस्पताल के डॉक्टरों ने राजघाट तक मार्च निकालकर बंगल में डॉक्टरों की हड़ताल का समर्थन किया। (संचित खन्ना)
1/ 10दिल्ली के एलएनजेपी और मौलाना आजाद अस्पताल के डॉक्टरों ने राजघाट तक मार्च निकालकर बंगल में डॉक्टरों की हड़ताल का समर्थन किया। (संचित खन्ना)
पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के सदस्यों ने सोमवार को नई दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन किया। (PTI)
2/ 10पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के सदस्यों ने सोमवार को नई दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन किया। (PTI)
पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के सदस्यों ने सोमवार को नई दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन किया। (PTI)
3/ 10पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के सदस्यों ने सोमवार को नई दिल्ली में विरोध-प्रदर्शन किया। (PTI)
पश्चिम बंगाल में अपने साथी डॉक्टरों की हड़ताल के समर्थन में सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्यों ने विरोध-प्रदर्शन किया। (PTI)
4/ 10पश्चिम बंगाल में अपने साथी डॉक्टरों की हड़ताल के समर्थन में सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सदस्यों ने विरोध-प्रदर्शन किया। (PTI)
AIIMS Doctors strike (ANI)
5/ 10AIIMS Doctors strike (ANI)
फरीदाबाद के ईएसआईसी अस्पताल में डॉक्टर हड़ताल पर रहे। (हिन्दुस्तान)
6/ 10फरीदाबाद के ईएसआईसी अस्पताल में डॉक्टर हड़ताल पर रहे। (हिन्दुस्तान)
डॉक्टरों की हड़ताल का असर नोएडा के निजी अस्पतालों में खाली पड़ी ओपीडी में साफ देखा गया। (हिन्दुस्तान)
7/ 10डॉक्टरों की हड़ताल का असर नोएडा के निजी अस्पतालों में खाली पड़ी ओपीडी में साफ देखा गया। (हिन्दुस्तान)
गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल एमएमजी में मरीजों का दबाव बढ़ा। पर्ची बनवाने के लिए तीन लाइनें लगीं। हिन्दुस्तान
8/ 10गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल एमएमजी में मरीजों का दबाव बढ़ा। पर्ची बनवाने के लिए तीन लाइनें लगीं। हिन्दुस्तान
गाजियाबाद में सड़क पर उतरकर नारेबाजी करते हड़ताल कर रहे डॉक्टर। (हिन्दुस्तान)
9/ 10गाजियाबाद में सड़क पर उतरकर नारेबाजी करते हड़ताल कर रहे डॉक्टर। (हिन्दुस्तान)
डॉक्टरों की हड़ताल के चलते दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर्स बंद पड़े रहे। (संचित खन्ना)
10/ 10डॉक्टरों की हड़ताल के चलते दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल के ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर्स बंद पड़े रहे। (संचित खन्ना)
नई दिल्ली | लाइव हिन्दुस्तान टीम Mon, 17 Jun 2019 04:45 PM
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पश्चिम बंगाल में सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के समर्थन में देशभर के डॉक्टरों द्वारा काम का बहिष्कार करने के चलते राजधानी दिल्ली और एनसीआर में कई सरकारी और निजी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं सोमवार को भी बाधित रहीं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने भी एक दिन के लिए काम के बहिष्कार निर्णय लिया है। दिल्ली स्थित एम्स की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने पहले हड़ताल में शामिल न होने का फैसला किया था, लेकिन सोमवार की सुबह एम्स के ट्रॉमा सेंटर में एक जूनियर डॉक्टर पर हमले के बाद इसने दोपहर से सभी गैर आवश्यक सेवाओं से अनुपस्थित रहने का फैसला किया।

निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद

हालांकि, नोएडा के जिला अस्पताल में हड़ताल नहीं रही। सभी सेवाएं जारी रहीं। नोएडा के जिला अस्पताल में दोपहर 1.30 बजे के बजाय दो बजे तक ओपीडी के पर्चे बनाए गए। लेकिन मेट्रो, प्रकाश समेत कई निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। गंभीर रोगियों के ही ऑपरेशन किए गए। इमरजेंसी जारी रही। अस्पतालों में आने वाले रोगियों को हड़ताल की जानकारी देकर लौटा दिया गया। 

गाजियाबाद के सरकारी अस्पताल एमएमजी में मरीजों की भारी भीड़ देखी गई। गाजियाबाद के सभी निजी अस्पतालों में ओपीडी आज पूरी तरह बंद रहीं। इमरजेंसी में भी सिर्फ वही मरीज देखे गए जो बेहद गम्भीर थे। साथ ही निजी एम्बुलेंस सेवा पूरी तरह से ठप रही। सभी निजी अस्पतालों में एक भी ऑपरेशन नहीं हुए। वार्डों में भर्ती मरीज भी पैरा मेडिकल स्टाफ के भरोसे हैं। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी, इमरजेंसी और ट्रॉमा सेंटर से डॉक्टर्स सुबह दस बजे तक नदारद रहे। मरीजों के हंगामे के बाद वे अस्पतला में आए।

ईएसआईसी अस्पता में भी रही हड़ताल

वहीं, फरीदाबाद में आईएमए के आह्वान पर सोमवार को जिले के सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रहीं। इसके चलते मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ईएसआईसी और बीके अस्पताल मे ओपीडी सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं। हड़ताल की जानकारी नहीं होने के चलते अस्पताल पहुंचे कई मरीजों उपचार नहीं मिल सका। 

एम्स आरडीए ने एक बयान में कहा कि अस्पताल के जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में गंभीर स्थिति वाले मरीजों को प्राथमिकता देने पर एक जूनियर डॉक्टर पर कथित हमला किया गया। एम्स के डॉक्टरों ने परिसर में सुबह आठ बजे से नौ बजे तक प्रदर्शन भी किया।

एम्स आरडीए द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि हम एक बार फिर पश्चिम बंगाल प्रशासन से हड़ताल कर रहे डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने और आम जनता के हित में जल्द से जल्द इस मामले को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाने का अनुरोध करते हैं।

दिल्ली में दिखा हड़ताल का असर

भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं को छोड़कर हड़ताल का आह्वान किया है। आईएमए सदस्य यहां अपने मुख्यालय पर भी धरना देंगे। केंद्र सरकार द्वारा संचालित सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, आरएमएल अस्पताल के साथ-साथ दिल्ली सरकार के जीटीबी अस्पताल, डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल, संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हैं। शीर्ष चिकित्सा संस्था आईएमए ने कहा कि सभी ओपीडी, नियमित ऑपरेशन थिएटर सेवाएं और वार्ड का निरीक्षण 24 घंटे के लिए सोमवार सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक स्थगित रहेगा। इसने कहा कि हालांकि आपातकालीन और आईसीयू सेवाएं काम करती रहेंगी। इस बीच, दिल्ली चिकित्सा संघ (डीएमए) और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने हड़ताल को अपना समर्थन दिया है।

डीएमए द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि डॉक्टरों और अस्पतालों के खिलाफ हिंसा के विरोध में 17 जून को 24 घंटे के लिए आईएमए की हड़ताल का समर्थन करने के लिए कार्यकारी समिति की आपात बैठक हुई। सभी क्लिनिक, नर्सिंग होम्स, डायग्नोस्टिक केंद्रों और अस्पतालों से अपनी नियमित सेवाएं बंद रखने का अनुरोध किया जाता है। हालांकि आकस्मिक सेवाएं हड़ताल के दायरे से बाहर होंगी। 

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक मरीज के परिजनों ने दो डॉक्टरों पर कथित तौर पर हमला किया था जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद 11 जून से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। मरीज की मौत अस्पताल में हो गई थी। इनके समर्थन में देशभर के डॉक्टरों ने काम न करने का फैसला किया है। आईएमए ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों से निपटने के लिए केंद्रीय कानून की मांग की है। 

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