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हरियाणा में कारोबारी की हत्या की गुत्थी सुलझी, चंडीगढ़ पुलिस के कॉन्स्टेबल सहित तीन गिरफ्तार

हरियाणा पुलिस ने पिहोवा कस्बे में एक नहर के निकट अपने वाहन में मृत मिले पंजाब के कारोबारी की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तारी कर कर लिया है। पुलिस उपाधीक्षक...

हरियाणा में कारोबारी की हत्या की गुत्थी सुलझी, चंडीगढ़ पुलिस के कॉन्स्टेबल सहित तीन गिरफ्तार
कुरुक्षेत्र। भाषा Mon, 28 Jun 2021 09:45 AM
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हरियाणा पुलिस ने पिहोवा कस्बे में एक नहर के निकट अपने वाहन में मृत मिले पंजाब के कारोबारी की हत्या की गुत्थी सुलझाते हुए मुख्य आरोपी को गिरफ्तारी कर कर लिया है।

पुलिस उपाधीक्षक (कुरुक्षेत्र) नरेंद्र सिंह ने रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पंजाब के मोहाली के रहने वाले संदीप सिंह रियल एस्टेट और अन्य कारोबार से जुड़े थे। उनकी हत्या चंडीगढ़ पुलिस के एक कॉन्स्टेबल और उसके दो सहयोगियों ने कथित तौर पर मिलकर की थी। उन्होंने बताया कि कॉन्स्टेबल मंजीत सिंह के साथ उसके दो सहयोगियों को रविवार को इस हत्या मामले में गिरफ्तार किया गया।

संदीप सिंह के शरीर पर चार गोलियों के निशान थे और वह 24 जून की सुबह पिहोवा के बोधनी गांव में एक नहर के निकट अपनी इनोवा कार में मृत मिले थे। एक बयान में कारोबारी की पत्नी ने पुलिस को बताया था कि उनके पति 21 जून को अपनी गाड़ी से घर से लाइसेंसी रिवॉल्वर और एक जोड़ी कपड़े लेकर मंजीत सिंह से मिलने निकले थे।

महिला के बयान के अनुसार, उन्होंने उस दिन भी अपने पति से बातचीत की थी और उन्होंने (पति) बताया कि था कि वे पटियाला के एक होटल में रुके हैं। इसके बाद 23 जून को भी उनकी बातचीत अपने पति और मंजीत सिंह से हुई थी।

डीएसपी नरेंद्र सिंह ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी मंजीत सिंह ने बताया कि वह चंडीगढ़ पुलिस में कॉन्स्टेबल के रूप में काम करता है और पुलिस विभाग में खराब रिकॉर्ड की वजह से उच्च पदस्थ अधिकारियों ने 18 बार उसकी वेतन में वृद्धि को रोक दिया। इसके बाद वह ढाई साल पहले संदीप सिंह के संपर्क में आया, जिसने उसे आश्वस्त किया कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर उसका रिकॉर्ड ठीक करवा देगा। आरोपी ने दावा किया कि इसके बदले संदीप ने उससे 10 लाख रुपये मांगे। आरोपी ने करीब डेढ़ साल पहले उसे इतने रुपये दिए भी, लेकिन न तो संदपी ने रिकॉर्ड में सुधार कराया और न ही उसके पैसे वापस किए।

आरोपी ने संदीप को इसके बाद बंदी बनाकर दबाव डाला कि वह उसके पैसे वापस कर दे, लेकिन उसने ऐसा करने में असमर्थता जताई। इसके बाद 23-24 जून की रात संदीप को आरोपी बोधनी नहर के निकट ले गया और वहां उसी के लाइसेंसी रिवॉल्वर से चार गोली उस पर दाग दी, जिससे संदीप की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। 

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