भोंडसी जेल में अपराधियों को ड्रग्स पहुंचाने वाला डिप्टी सुपरिटेंडेंट पकड़ा, घर पर छापेमारी में 250 ग्राम चरस और 11 सिम कार्ड बरामद
गुरुग्राम की भोंडसी जेल में बंद अपराधियों को मोबाइल सिम कार्ड और ड्रग्स की सप्लाई करने वाले जेल डिप्टी सुपरिटेंडेंट धर्मवीर चौटाला को सहायक पुलिस आयुक्त सोहना व अपराध शाखा सेक्टर-39 की टीम ने रंगे...
गुरुग्राम की भोंडसी जेल में बंद अपराधियों को मोबाइल सिम कार्ड और ड्रग्स की सप्लाई करने वाले जेल डिप्टी सुपरिटेंडेंट धर्मवीर चौटाला को सहायक पुलिस आयुक्त सोहना व अपराध शाखा सेक्टर-39 की टीम ने रंगे हाथों को गिरफ्तार किया है। डिप्टी सुपरिटेंडेंट जेल को ड्रग्स की सप्लाई करने आए रवि उर्फ गोल्डी को भी मौके से पकड़ा गया है। पुलिस ने दोनों से 4जी नेटवर्क के 11 सिम कार्ड और 230 ग्राम चरस बरामद की है। डिप्टी सुपरिटेंडेंट जेल ने पुलिस पूछताछ में कुबूल किया है कि वह अपराधियों से एक सिम कार्ड देने के एवज में मोटी रकम वसूलता था। चरस को वह लाखों रुपये में जेल के अंदर बंद कैदियों को बेचता था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है।
गुरुग्राम पुलिस आयुक्त गुरुग्राम के.के. राव ने बताया कि जेल में पिछले काफी समय से फोन और मादक पदार्थ मिल रहे थे। जांच में पता चला कि इस मामले में जेल का ही कोई अधिकारी शामिल है। इसके बाद अपराध शाखा की टीम ने निगरानी शुरू कर दी। गुरुवार को पुलिस टीम ने कानूनी औपचारिकताओं को पूरा कर डिप्टी सुपरिटेडेंट जेल धर्मवीर चौटाला के भोंडसी जेल कॉम्प्लेक्स स्थित सरकारी आवास में दोपहर 3 बजे छापेमारी की। पुलिस टीम ने रेड के दौरान जेल में मोबाइल फोन, सिम कार्ड व मादक पदार्थ सप्लाई करने डिप्टी सुपरिटेंडेंट को गिरफ्तार कर लिया। मौके पर सिम कार्ड और चरस भी बरामद की। पुलिस आयुक्त ने बताया कि पुलिस दोनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
पंचकूला में स्थायी नियुक्ति
पुलिस आयुक्त ने बताया कि जेल डिप्टी सुपरिटेंडेंट धर्मवीर चौटाला की स्थायी नियुक्ति पंचकूला में है, लेकिन अस्थायी रूप से वह पिछले एक साल से भोंडसी जेल में तैनात थे। पुलिस मान कर चल रही है कि वह पिछले काफी समय से जेल में कैदियों को सामान उपलब्ध करवा रहे होंगे। पुलिस अब उनका पुराना रिकॉर्ड भी खंगाल रही है।
सिम के 20 हजार, चरस के 10 लाख वसूलता था
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि डिप्टी सुपरिटेंडेंट जेल में बंद अपराधियों से एक सिम कार्ड देने के एवज में 20 हजार रुपये वसूलता था। 230 ग्राम चरस को वह 10 लाख रुपये में जेल के अंदर बंद कैदियों को बेचता था। अब पुलिस आरोपियों से चरस की सप्लाई के बारे में पूछताछ करेगी। इसके लिए उन्हें रिमांड पर लिया जाएगा।
