घर जाने के लिए पंजीकरण कराने आए श्रमिकों को गुरुग्राम पुलिस ने खदेड़ा, मची भगदड़
गुरुग्राम के आईएमटी मानेसर में घर वापसी को लेकर रविवार को बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर खोह गांव में जमा हुए। भीड़ इतनी अधिक हो गई कि पुलिस को इन्हें नियंत्रित करने के लिए लाठी भी उठानी पड़...
गुरुग्राम के आईएमटी मानेसर में घर वापसी को लेकर रविवार को बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर खोह गांव में जमा हुए। भीड़ इतनी अधिक हो गई कि पुलिस को इन्हें नियंत्रित करने के लिए लाठी भी उठानी पड़ गई। पुलिस के खदेड़ने से खोह गांव के मिडिल स्कूल में प्रवासी श्रमिकों में भगदड़ मच गई। प्रवासी श्रमिक सरकार के पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कराने पहुंचे थे।
बिहार के रहने बंटी ने बताया कि रविवार को दोपहर डेढ़ बजे खोह गांव के मिडिल स्कूल में प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के लिए पंजीकरण किया जा रहा था। इसकी सूचना पर खोह गांव में रहे रह बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश के आठ सौ से अधिक श्रमिक पहुंच गए। वह भी पंजीकरण कराने के लिए पहुंचा था। उसको तो अंदर जाने नहीं दिया।
वहां पर मौजूद स्थानीय लोगों ने यह कहकर मना कर दिया कि अब किसी को घर जाने की जरुरत नहीं है। वह जहां काम करते थे वहां पर जाकर काम शुरू कर दें। लेकिन वहां भी खड़े श्रमिक घर जाने के लिए पंजीकरण करने की जिद करते रहे। इतने में पहुंची पुलिस ने खड़ी भीड़ पर लाठी से मारने शुरू कर दिया। पुलिस ने प्रवासी श्रमिकों को मारना शुरू किया तो मौक पर भगदड़ मच गई।
खाने का पैसा नहीं किराया कहां दे
श्रमिकों ने आरोप लगाया कि मकान मालिक भी किराया मांगते हैं। उनके पास खाने के लिए पैसे नहीं है तो किराया कहां से दें। ऐसे में उनको अपने घर जाने दिया जाए, क्योंकि उनकी मदद करने के लिए अभी कोई नहीं पहुंचा।
खाना वितरित किया जा रहा था
खोह गांव के सरपंच राजेंद्र सिंह ने बताया कि सरकारी स्कूल में हजारों श्रमिकों को रोज तरह खाना वितरित किया जा रहा था। किसी ने अफवाह फैला दी कि घर जाने के लिए प्रवासी श्रमिकों का पंजीकरण किया जा रहा है। पंजीकरण को लेकर भीड़ इतनी हो गई कि उनको संभानला मुश्किल हो गया। मजबूरी में पुलिस को बुलाकर भीड़ को काबू में किया गया। इससे स्कूल में भगदड़ मच गई। अब यहां पर खाना नहीं वितरित किया जाएगा।