Gurugram: कैसे देश की अर्थव्यवस्था बदल रहा गुरुग्राम, जानिए दिल्ली का क्या है योगदान
Gurugram News : इतना ही नहीं अगर ग्रोथ रेट यही रहा और टैक्स पेयर्स की संख्या हर साल 8 फीसदी के हिसाब से बढ़ती रही तो गुरुग्राम जल्द ही सबसे ज्यादा टैक्स भरने वाले शहरों में टॉप-5 में शामिल हो जाएगा।

गुरुग्राम (Gurugram) को भारत का मिलेनियम सिटी भी कहा जाता है। हालांकि, यहां की जनसंख्या ज्यादा नहीं है और ना ही यह अन्य मेट्रोपॉलिटन शहरों की तरह बड़ा है। लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में गुरुग्राम का विशेष रोल है। हाल ही में आयकर विभाग ने जो डेटा शेयर किया है उसके मुताबिक, भारत में सबसे ज्यादा आयकर चुकाने वाले शहरों की लिस्ट में गुरुग्राम 9वें नंबर पर है। इंकम टैक्स अधिकारियों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि गुरुग्राम में करीब साढ़े चार लाख टैक्स पेयर्स हैं, इनमें 30,000 कंपनियां भी शामिल हैं। इन सभी ने मिलकर साल 2022-23 में कुल 40,000 करोड़ रुपये का इंकम टैक्स भरा है। 2011 की जनगणना के मुताबिक शहर की आबादी करीब 15 लाख है।
साल 2012-2021 से अब तक वार्षिक तौर पर 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ऐसी उम्मीद है कि अगले वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 50,000 करोड़ के आसपास पहुंच सकता है। इतना ही नहीं अगर ग्रोथ रेट यही रहा और टैक्स पेयर्स की संख्या हर साल 8 फीसदी के हिसाब से बढ़ती रही तो वो दिन ज्यादा दूर नहीं जब गुरुग्राम सबसे ज्यादा टैक्स भरने वाले शहरों में टॉप-5 में शुमार हो जाएगा।
'Times Of India' ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि करीब गुरुग्राम शहर से मिलने वाले 10,000 करोड़ का टैक्स जो की कुल टैक्स का करीब एक चौथाई हिस्सा है वो IT, ITES और कंसल्टेंसी से आता है। इसी तरह ऑटोमोबाइल स्पेयर पार्ट्स कंपनी 15 फीसदी और स्टील मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां भी टैक्स के 15 फीसदी हिस्से का योगदान करती हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि गुरुग्राम में जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड सबसे ज्यादा टैक्स पे करता है जो करीब 2200 करोड़ रुपया है। इसी तरह एनएचपीसी 1200 करोड़ रुपये का टैक्स भरती है। आयकर विभाग अब रियल स्टेट डेवलपर्स से बातचीत कर बेहतर आयकर हासिल करने की दिशा में प्रयासरत है। अर्थव्यवस्था में रियल स्टेट और कंस्ट्रक्शन कंपनियों का इस वक्त बड़ा योगदान है। शहर में किये जाने वाले टैक्स कलेक्शन में इनका योगदान 8 प्रतिशत है।
इस रिपोर्ट में उन शहरों का जिक्र किया गया है जो सबसे ज्यादा टैक्स भरते हैं। इस लिस्ट में पहले नंबर पर मुंबई, दूसरे नंबर पर दिल्ली और फिर बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, हैदरबाद, अहमदाबाद औऱ पुणे आते हैं।
