गुरुग्राम के चिंटल पैराडाइसो के जे टावर को 15 दिन में खाली करने के आदेश, नहीं किया तो...
गुरुग्राम के जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने सेक्टर-109 स्थित चिंटल पैराडाइसो के जे टावर को 15 दिन के अंदर खाली करने के आदेश जारी किए हैं। निवासियों को पहले भी नोटिस जारी किया जा चुका है।
गुरुग्राम के जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बुधवार को सेक्टर-109 स्थित चिंटल पैराडाइसो के जे टावर को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत 15 दिन के अंदर खाली करने के आदेश जारी किए हैं। आईआईटी, दिल्ली ने जनवरी माह में इस टावर को रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किया था। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के डीटीपीई मनीष यादव के कई बार नोटिस के बावजूद इस टावर में रह रहे 10 परिवारों ने सात महीने बीतने के बावजूद फ्लैट को खाली नहीं किया है।
...नहीं खाली किया तो
जिला उपायुक्त ने डीटीपीई को नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए आदेश जारी किए हैं कि इस समयावधि में यदि फ्लैट मालिक खुद इन्हें खाली करने में आनाकानी करते हैं तो पुलिस फोर्स की मदद ली जाए। चिंटल पैराडाइसो सोसाइटी में नौ रिहायशी टावर हैं। डी, ई, एफ, जी और एच को आईआईटी दिल्ली ने रहने के लिहाज से पिछले साल असुरक्षित घोषित कर दिया था। ऐसे में इन टावर को खाली करवाया जा चुका है।
टावर में 52 फ्लैट, रहते हैं 10 परिवार
इस साल जनवरी माह में जे टावर को असुरक्षित घोषित किया था। इस टावर में 52 फ्लैट हैं, जब इसे असुरक्षित घोषित किया तो उस दौरान करीब 40 परिवार रहते थे। मौजूदा समय में 10 परिवार इस टावर में रह रहे हैं। इस टावर की रिपोर्ट में आईआईटी दिल्ली ने कहा है कि देखने से तो यह टावर ठीक लग रहा है, लेकिन इसके सरियों में काफी मात्रा में जंग लग चुका है।
यह है मामला
10 फरवरी, 2022 को चिंटल पैराडाइसो के डी टावर में छह फ्लैट्स के ड्राइंग रूम की छत गिर गई थी। इसमें दो महिलाओं की मौत हो गई थी। जिला प्रशासन ने इस रिहायशी सोसाइटी के नौ टावर की आईआईटी दिल्ली से सरंचनात्मक जांच करवाई तो डी, ई, एफ, जी और एच टावर को रहने के लिहाज से असुरक्षित घोषित किया। जे टावर की हालत को बहुत दयनीय बताया गया। ए, बी और सी टावर को रहने के लिहाज से फिलहाल सुरक्षित बताया है, लेकिन सलाह दी है कि इनकी हर साल सरंचनात्मक जांच करवाई जाए।
स्थानांतरण शुल्क दिए जाने की मांग
जे टावर के फ्लैट मालिक मजबूरीवश अपनी जान जोखिम में डालकर इन फ्लैट्स में रह रहे हैं। फ्लैट खाली करवाने से पहले इन मकान मालिकों को छह महीने का किराया और सामान स्थानांतरण शुल्क दिया जाना चाहिए। उनके ऊपर इस तरह का दबाव डालना गलत है।
- राकेश हुड्डा, प्रधान, आरडब्ल्यूए, चिंटल पैराडाइसो
कैसे मान लिया टावर रहने लायक नहीं
आईआईटी, दिल्ली ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह नहीं कहा है कि जे टावर रहने के लिहाज से असुरक्षित है। उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जे टावर की स्थिति डी, ई, एफ, जी और एच से ठीक है। ऐसे में जिला प्रशासन ने खुद कैसे मान लिया कि यह टावर रहने लायक नहीं है। यदि यह रहने लायक नहीं है तो उन्हें विस्थापित किया जाए। छह महीने का किराया और स्थानांतरण शुल्क दिया जाए। इस तरह के आदेश जारी कर फ्लैट मालिकों पर दबाव बनाया जा रहा है। जरूरत पड़ती है तो अदालत में जाएंगे।
- देबब्रता दत्ता, निवासी, जे टावर, चिंटल पैराडाइसो
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