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ग्रेटर नोएडा फ्लैट बायर्स के लिए गुडन्यूज, ये बिल्डर देगा मुआवजा; क्या है मामला

ग्रेटर नोएडा में 2012 में एक दशक पहले ग्रेटर नोएडा सेक्टर-16 की पंचशील ग्रीन्स में 70 लाख रुपए का फ्लैट बुक किया। बिल्डर को 2017 में फ्लैट देना था। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब वह बायर्स को ब्याज देगा।

ग्रेटर नोएडा फ्लैट बायर्स के लिए गुडन्यूज, ये बिल्डर देगा मुआवजा; क्या है मामला
Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीTue, 9 July 2024 07:45 AM
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अपने सपनों का घर पूरा करने के लिए बहुत से लोगों ने 2012 में एक दशक पहले ग्रेटर नोएडा सेक्टर-16 की पंचशील ग्रीन्स में 70 लाख रुपए का फ्लैट बुक किया। बिल्डर को 2017 में फ्लैट देना था। लेआउट प्लान स्वीकृत होने के तीन साल बाद 2021 में बिल्डरों ने उनसे अधूरे मकान का कब्जा लेने को कहा, जिसे उन्होंने मना कर दिया।

राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने हाल ही में पंचशील बिल्डटेक को निर्देश दिया कि वह घर खरीदने वालों को तीन साल (2017 से 2020) की देरी के लिए उनकी जमा राशि पर 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से मुआवजा दे। आयोग ने बिल्डर को निर्माण पूरा करने और बिना किसी देरी के फ्लैट सौंपने का भी निर्देश दिया है।

बिल्डर ने कहा कि किसान आंदोलन की वजह से मास्टर प्लान देरी से अधिसूचित किया गया, जिससे 2012 से 2014 तक दो साल की देरी हुई। हालांकि बिल्डर ने 2017 में घर खरीदार को कब्जा देने की पेशकश की, लेकिन अभी तक कब्जा प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया, जिसकी वजह से शिकायतकर्ता ने कब्जा लेने से इनकार कर दिया। चार साल की देरी के बाद, कब्जा प्रमाण पत्र जारी किया गया और 2021 में खरीदार को कब्जा दिया गया।

दूसरी बार कब्जा दिए जाने का ऑफर देने पर, इस मामले में शिकायतकर्ताओं में से एक रीना राव ने आरोप लगाया कि घर रहने लायक नहीं है। उन्होंने शिकायत की कि एंट्री गेट गायब था, घर 'पूरी तरह से कच्चा' है और घर में बहुत ज्यादा रिसाव आ रहा था। उनकी यह भी शिकायत थी कि लकड़ी का काम, बाथरूम की फिटिंग और रसोई का काम अधूरा था और घर की दीवारें एक-दूसरे से एलाइन नहीं थीं।

राव ने बिल्डर को लिखा, 'आपका कब्जे का प्रस्ताव दिखावा है। आपको जो फ्लैट देना था, वह झूठ निकला।' शिकायतकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद फ्लैट की कीमत 55.7 लाख रुपये से बढ़ाकर 70 लाख रुपये कर दी गई, जिसमें भूमि अधिग्रहण के मामले में किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे में वृद्धि की गई थी। खरीदारों ने आरोप लगाया कि प्रोजेक्ट से पैसे की 'हेराफेरी' की गई, बिल्डर ने वर्तमान परियोजना को पूरा किए बिना शुरू की गई अन्य परियोजनाओं- प्रतिष्ठा, पेबल्स, पिनेकल, प्रीमियम 24, प्राइम 90 और वेलिंगटन 2 टावर्स का हवाला दिया।

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