अब सैनिक स्कूलों में भी पढ़ेंगी लड़कियां, जानें कब से शुरू होगा दाखिला
देश के सैनिक स्कूलों में अब लड़कियों को भी दाखिला मिलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वर्ष 2021-22 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से चरणबद्ध तरीके से इसे...

देश के सैनिक स्कूलों में अब लड़कियों को भी दाखिला मिलेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। वर्ष 2021-22 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से चरणबद्ध तरीके से इसे लागू किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मिजोरम के छिंगछिप सैनिक स्कूल में इस बाबत दो साल पूर्व एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। जो सफल रहा है। अब इसे सभी सैनिक स्कूलों में लागू करने का फैसला किया गया है। सिंह ने सैनिक स्कूल से संबंधित महकमे से कहा कि वह लड़कियों के दाखिले के लिए सैनिक स्कूलों में आवश्यक संसाधनों का इंतजाम करें।
इसके साथ ही पर्याप्त संख्या में महिला कार्मिकों की भी तैनाती करें। ताकि इस निर्णय को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके। बता दें कि अभी सिर्फ लड़कों को ही सैनिक स्कूलों में दाखिला मिलता है।
तीनों सेनाओं में महिलाओं की भूमिका बढ़ रही : दरअसल, तीनों सेनाओं में महिलाओं की भूमिका लगातार बढ़ रही है। वायुसेना में अब महिलाओं को लड़ाकू विमान उड़ाने की अनुमति मिल चुकी है। तीनों सेनाओं में महिला अफसरों को पहले की तुलना में ज्यादा शाखाओं में भर्ती के मौके दिए जा रहे हैं। इसलिए सैनिक स्कूलों में लड़कियों को दाखिला दिए जाने से सेनाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी में होगा। सैनिक स्कूलों में कक्षा छह से 12वीं तक की बढ़ाई होती है और सैन्य अकादमियों में प्रवेश की तैयारी भी कराई जाती है। मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला लैंगिंग समानता बढ़ाने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को भी मजबूती प्रदान करता है।
देश में कुल 28 सैनिक स्कूल
अभी देश में कुल 28 सैनिक स्कूल चल रहे हैं। इनमें ज्यादातर पुराने हैं तथा पिछले साल दो नए स्कूल झुंझनू (राजस्थान) और सियांग (अरुणाचल प्रदेश) में खुले थे। जो अब चालू हो चुके हैं। इसके अलावा एक दर्जन से अधिक स्कूल मंजूर हुए हैं जो अगले दो सालों के भीतर चलने लगेंगे। मौजूदा समय में रक्षा अकादमी में प्रवेश पाने वाले एक चौथाई से भी अधिक बच्चे सैनिक स्कूलों के होते हैं। पिछले साल कुल 348 चुने गए उम्मीदवारों में से 99 बच्चे सैनिक स्कूलों के थे जो 28.45 फीसदी है।