गुरुग्राम : कोरोना काल में बेटियों की जन्मदर गिरकर 906 पर पहुंची, स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ीं
कोरोना काल में अर्थव्यवस्था के साथ हरियाणा में लिंगानुपात की स्थिति भी खराब हुई है। गुरुग्राम जिले में यह लगातार घट रहा है। बीते छह महीने में इसमें बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। मार्च में यह आंकड़ा 940...
कोरोना काल में अर्थव्यवस्था के साथ हरियाणा में लिंगानुपात की स्थिति भी खराब हुई है। गुरुग्राम जिले में यह लगातार घट रहा है। बीते छह महीने में इसमें बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। मार्च में यह आंकड़ा 940 था, जो अगस्त में घटकर 906 पर पहुंच गया। लिंगानुपात में आई इस गिरावट ने स्वास्थ्य विभाग को भी चिंता में डाल दिया है।
प्रदेश व राज्य में बेटियों के प्रति बदली सोच ने बीते तीन वर्षों में लिंगानुपात को बढ़ाने में अहम योगदान दिया था। नजीतजन साल 2017 के मुकाबले 2019 तक जिले में बेटियों की जन्म दर के अनुपात में काफी सुधार आया। 2020 की बात करें तो साल की शुरुआत अच्छी रही। जनवरी में लिंगानुपात 924 रहा। फरवरी और मार्च में ये बढ़कर 940 पर भी पहुंच गया था, लेकिन इसी दौरान कोरोना संकट का दौर भी शुरू हो गया। लोगों की सेहत बिगड़ने के साथ ही लिंगानुपात की स्थिति भी बिगड़ने लगी। जिले का स्वास्थ्य विभाग इसे बढ़ाने के लिए अब जद्दोजहद में लगा है।
पंजीकरण न होना भी कारण
सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र यादव का कहना है कि मार्च से जून तक लॉकडाउन के कारण निगम और स्वास्थ्य विभाग में जनता से जुड़े काम बंद थे। इस अवधि में जिन बच्चों ने जन्म लिया उनका पंजीकरण पूरा नहीं हो पाया था। जुलाई में इस काम ने दोबारा रफ्तार पकड़नी शुरू की थी। ऐसे में आगे इस आंकड़े में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
2020 में महीने वार स्थिति
जनवरी : 924
फरवरी : 940
मार्च : 940
अप्रैल : 926
मई : 917
जून : 911
जुलाई : 908
अगस्त : 906
साल वार लिंगानुपात की स्थिति
वर्ष 2017 : 904
वर्ष 2018 : 900
वर्ष 2019 : 910
वर्ष 2020 : 906
(2020 के आंकड़े अगस्त तक के हैं।)