ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News NCRगाजीपुर बॉर्डर पर हलचल तेज, किसानों को धरनास्थल खाली करने का अल्टीमेटम

गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल तेज, किसानों को धरनास्थल खाली करने का अल्टीमेटम

नए कृषि कानूनों के विरोध के गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला और दिल्ली में गई जगहों पर हुई हिंसा के बाद सभी जगह किसान आंदोलनों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। दिल्ली...

गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल तेज, किसानों को धरनास्थल खाली करने का अल्टीमेटम
गाजियाबाद। लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 28 Jan 2021 05:49 PM
ऐप पर पढ़ें

नए कृषि कानूनों के विरोध के गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किला और दिल्ली में गई जगहों पर हुई हिंसा के बाद सभी जगह किसान आंदोलनों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। दिल्ली पुलिस के साथ ही अब यूपी सरकार भी ऐक्शन मोड में आ गई है।

गाजियाबाद जिला प्रशासन ने यूपी गेट धरनास्थल खाली करने के लिए आद किसानों को अल्टीमेटम दे दिया है। माना जा रहा है कि आज ही धरनास्थल खाली हो सकता है। हालात का जायजा लेने के लिए जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय सहित प्रशासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। धरनास्थल को खाली कराने की जिला प्रशासन के द्वारा तैयारी पूरी कर ली गई है।

इसके साथ ही गाजीपुर बॉर्डर और यूपी गेट पर हलचल तेज हो गई है। धरनास्थल के आसपास पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तादाद बढ़ाकर छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सुरक्षा बल दोपहर से ही यहां पर फ्लैग मार्च कर रहे हैं। इसके साथ ही धरनास्थल पर बिजली-पानी भी काट दिए गए हैं। 

वहीं, सभी जिलों के डीएम-एसपी से कहा गया है कि वे अपने-अपने जिलों में धरने पर बैठे किसानों से अपील करें कि वे अपने-अपने घरों को लौट जाएं। प्रशासन की ओर से किसानों के घर लौटने के लिए बस की व्यवस्था किए जाने की भी बात कही जा रही है।

स्वेच्छा से धरनास्थल खाली कर रहे किसान

इससे पहले उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने गुरुवार को कहा कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण थी। इस घटना के बाद कुछ किसान संगठनों ने स्वेच्छा से नोएडा के चिल्ला बॉर्डर और दलित प्रेरणा स्थल से आंदोलन वापस ले लिया है। वहीं, जहां तक बागपत का संबंध है, स्थानीय अधिकारियों ने हमें बताया है कि उन्होंने किसानों को एनएचएआई की परियोजना के बारे में समझाया और उन्होंने बुधवार रात अपना धरना समाप्त कर दिया। यूपी गेट पर अब भी कुछ लोग डटे हुए हैं, हालांकि, अब उनकी संख्या पहले से काफी कम हो गई है।

एडीजी ने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में हमारी मदद मांगती है तो हम उनकी मदद करेंगे। हम ऐसे किसी भी तत्व की अनुमति नहीं देंगे जिसने राष्ट्रीय पर्व के दौरान हमारे राज्य में ऐसा किया हो। लोगों ने हमें आश्वासन दिया है कि वे किसी भी उपद्रवी तत्व को आश्रय नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अब भी यूपी गेट पर मौजूद हैं। बातचीत चल रही है, हमने उपद्रवी और राष्ट्र-विरोधी तत्वों की तलाश के लिए स्पॉटर्स तैनात किए हैं ताकि वे यूपी में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ न करें। हम किसान संगठनों से बात करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि विरोध प्रदर्शनों को जल्द से जल्द खत्म किया जाए।

वहीं, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि यदि पुलिस हमें गिरफ्तार चाहे तो कर सकती है, हम इसके लिए तैयार हैं। हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से जारी रहेगा। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें