गौतमबुद्ध नगर बना ड्रग्स का नया अड्डा, जानिए देश में कैसे घुस ये सौदागर फैला रहे कारोबार
Gautam Budh Nagar News : बताया जा रहा है कि पकड़े गए आरोपियों ने ड्रग्स बनाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण लिया था। आशंका है कि सभी स्टडी वीजा पर भारत आए थे और इनके तार टेरर फंडिंग से भी जुड़े हैं।

Gautam Budh Nagar News : नोएडा और ग्रेटर नोएडा ड्रग्स का अड्डा बनता जा रहा है। यहां पहले भी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और पुलिस ने ड्रग्स की खेप बरामद की है, लेकिन 300 करोड़ रुपये की ड्रग्स, कच्चा माल आदि जब्त करने का यह पहला मामला है। दरअसल ग्रेटर नोएडा के जैतपुर गांव में बुधवार को पुलिस ने ड्रग्स बनाने की अवैध फैक्टरी का भंडाफोड़ करते हुए नौ विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने ड्रग्स बनाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण लिया था। आशंका है कि सभी स्टडी वीजा पर भारत आए थे और इनके तार टेरर फंडिंग से भी जुड़े हैं। पुलिस के अनुसार, तीन मंजिला मकान किराये पर लेकर ड्रग्स बनाई जा रही थी। दिल्ली-एनसीआर में मुख्य रूप से रेव पार्टियों में इसकी सप्लाई होती थी। गिरफ्तार आरोपियों में एक पहले भी नशीले पदार्थ की तस्करी में जेल जा चुका है। पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने ड्रग्स पकड़ने के लिए पुलिस उपायुक्त ग्रेनो साद मियां खान की अगुवाई में एक टीम बनाई थी।
वर्ष 2019 में एनसीबी ने कार्रवाई करते हुए ग्रेनो के सेक्टर पी-4 में यूपी पुलिस के एक एसपी के मकान में छापा मारकर 1800 किलो ड्रग्स बरामद की थी। टीम ने महिला समेत तीन अफ्रीकी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। स्थानीय पुलिस को एनसीबी की इस कार्रवाई की भनक तक नहीं लगी थी। वहीं, इसके एक साल बाद बीटा दो कोतवाली पुलिस ने चार करोड़ रुपए कीमत का नशे का सामान जब्त किया। नशे का सामान कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को सप्लाई किया जाता था। पुलिस ने तस्करों के कब्जे से 172 किलो गांजा, 176 किलो भांग, 42 किलो डोडा और 10 किलो चरस बरामद की थी। इससे पहले वर्ष 2013 में विदेशी नागरिकों को ओमीक्रान सेक्टर से ड्रग्स की फैक्टरी संचालित करते हुए गिरफ्तार किया था।
इसके अलावा नॉलेज पार्क कोतवाली पुलिस ने एमिटी यूनिवर्सिटी के दो गार्डों को छात्रों को गांजा बेचने के आरोप में रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार गार्डों से पुलिस ने ढाई किलो गांजा बरामद हुआ था। बता दें कि बुधवार को ग्रेटर नोएडा में पकड़ी गई ड्रग्स की फैक्टरी पर कार्रवाई की सूचना स्थानीय सूरजपुर पुलिस को भी नहीं दी गई। इस क्षेत्र में इतनी बड़ी ड्रग्स की फैक्टरी चल रही थी, लेकिन सूरजपुर पुलिस को भनक तक नहीं लगी। आशंका थी कि इससे मामला लीक हो सकता है।
