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दिल्ली में बेखौफ बदमाश : डेढ़ महीने में लूट के विरोध पर आठ बुजुर्गों की हत्या हुई

दिल्ली में बुजुर्गों की पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त के दिल्ली पुलिस के दावे की पोल खुल रही है। राजधानी में बेखौफ बदमाश पिछले डेढ़ माह में घर में लूटपाट का विरोध करने पर आठ बुजुर्गों की हत्या कर चुके हैं।...

दिल्ली में बेखौफ बदमाश : डेढ़ महीने में लूट के विरोध पर आठ बुजुर्गों की हत्या हुई
राजन शर्मा , नई दिल्लीThu, 08 Jul 2021 08:18 AM

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दिल्ली में बुजुर्गों की पुख्ता सुरक्षा बंदोबस्त के दिल्ली पुलिस के दावे की पोल खुल रही है। राजधानी में बेखौफ बदमाश पिछले डेढ़ माह में घर में लूटपाट का विरोध करने पर आठ बुजुर्गों की हत्या कर चुके हैं। इस साल सात जुलाई तक बुजुर्गों पर हमले व हत्या के 15 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसका बड़ा कारण पुलिसकर्मियों का जमीनी स्तर पर बुजुर्गों से संपर्क न साधना बताया जा रहा है। कई बार घटना होने पर यह बात सामने आ चुकी है कि बुजुर्ग के नाम और पता इलाके के बीट अधिकारी को ही नहीं मालूम होते। हिन्दुस्तान की रिपोर्ट...

दो दिन तक घर में शव पड़ा रहा
सागरपुर में 26 मई को चोरी के लिए घर में घुसे पड़ोसी ने विरोध करने पर 72 वर्षीय बुजुर्ग सुनील सहगल की गला घोटकर हत्या कर दी। दो दिन इस वारदात की खबर हुई थी। पुलिस ने आरोपी सन्नी और उसके एक साथी भानु प्रताप को गिरफ्तार किया था।  

घरेलू सहायक ने ड्यूटी के पहले दिन ही मार डाला
हरिनगर इलाके में 31 मई की रात को चोरी के विरोध पर घरेलू सहायक ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर 75 वर्षीय बुजुर्ग सावित्री शर्मा की गला दबाकर हत्या कर दी। आरोपी मोनू को 30 मई को ही बतौर घरेलू सहायक नौकरी पर रखा गया था। 

चुप कराने के लिए गला घोट डाला
छावला में एक जून को बुजुर्ग दंपति के घर में घुसे तीन बदमाशों ने चोरी के विरोध पर 65 साल के उदयवीर की हत्या कर दी थी। बाद में दंपति के बेटे की सूचना पर पुलिस ने छह जून को आरोपियों को पकड़ा था। 

महिला को गला रेतकर मार डाला
13 जून को बुराड़ी में घरेलू सहायक ने लूटपाट का विरोध करने पर एक बुजुर्ग महिला की उनके घर में गला रेतकर हत्या कर दी थी। महिला के बेटे व बहू खजूरी से लौटे तो वारदात की जानकारी हुई। 

बुजुर्गों के लिए सुरक्षा के दावे
1. बुजुर्ग दंपति या अकेले रहने वाले बुजुर्ग की निगरानी की जाती है। 
2. बुजुर्गों के लिए 1291 हेल्पलाइन है, जिस पर 15 लाइन हैं। इसकी निगरानी पुलिस मुख्यालय में मौजूद एसीपी स्तर का अधिकारी करता है। 
3. इलाके के बुजुर्गों का विवरण थाने के रजिस्टर में दर्ज रहता है। इनसे बीट कांस्टेबल नियमित समय पर मिलता है।
4. थाने से महिला कांस्टेबल फोन कर नियमित तौर पर कुशलक्षेम पूछती है। 
5. थाना स्तर पर समस्या का समाधान नहीं होने पर बुजुर्ग ऑनलाइन या हेल्पलाइन पर अपनी बात कह सकते हैं। 
6. निश्चित अंतराल पर डीसीपी बुजुर्ग प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनकी समस्याएं जानते हैं। 
7. पुलिसकर्मी अकेले रहने वाले बुजुर्गों के घर उनके जन्मदिन व अन्य अवसरों पर केक और बधाई संदेश के कार्ड लेकर जाते हैं। 

अकेले रहने वाले बुजुर्ग ये सावधानी बरतें
- घर के दरवाजे, खिड़कियां बंद रहें, यह सुनिश्चित करें। 
- दरवाजा खोलने से पहले मैजिक आई से देखें। किसी अनजान के लिए दरवाजा नहीं खोलें। 
- घर में कुत्ता पालें और संदिग्ध व्यक्ति दिखने पर पुलिस को सूचित करें। 
- घर में कीमती गहने और नकदी न रखें। 
- किराएदार और नौकर का पुलिस से सत्यापन जरूर कराएं। 
- प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन और बढ़ई आदि की जरूरत होने पर उन्हें परिचितों के माध्यम से ही बुलाएं।

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